Uttrakhand

मत्स्य पालन से राेजगार और आर्थिकी बढ़ाने की याेजनाओं पर तेजी से कार्य करे विभाग : मुख्यमंत्री

पशुपालन व मत्स्य विभाग की समीक्षा करते सीएम।

देहरादून, 22 मार्च (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड मत्स्य पालन रोजगार के साथ ही आर्थिकी का बड़ा जरिया बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मत्स्य विभाग की समीक्षा में गेम चेंजर योजनाओं को स्वरोजगार सृजन के साथ आर्थिकी को बढ़ावा देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि विभाग की ट्राउट प्रोत्साहन योजना, पर्वतीय जनपदों में रोजगार सृजन का कारगर माध्यम बन सकता है। उन्होंने इसके लिए निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति और तैयार की गई कार्य योजना का प्रभावी अनुश्रवण के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड नमामि गंगा एक्वेटिक सेंटर की स्थापना में भी तेजी लाए जाने को कहा। उन्होंने कहा कि मत्स्य प्रजातियों को संरक्षित करने के साथ ही विदेशी मत्स्य पर्यटकों को इस ओर आकर्षित किया जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय इंटीग्रेटेड एक्काे पार्क की स्थापना में भी तेजी लाए जाने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग की गतिविधियों के लिए एक प्रभावी केंद्र उपलब्ध हो सके इससे भी रोजगार के और अवसर उपलब्ध होंगे।

बैठक में बताया गया कि ट्राउट प्रोत्साहन योजना के लिए 170 करोड़ का वित्तीय प्राविधान किया गया, जिसमें 600 टन ट्राउट मत्स्य उत्पादन, 75 लाख ट्राउट सीड उत्पादन के साथ 600 प्रत्यक्ष रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। इंटिग्रेटेड एक्वेटिक सेंटर की स्थापना के लिए 250 करोड़ का बजटीय प्राविधान किया गया है, इसके तहत मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण तथा मत्स्य पर्यटन के प्रति विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किए जाने की योजना है। इसके तहत एक्वा गैलरी के साथ मत्स्य विभाग से संबंधित कई अन्य योजनाओं का विकास किया जाएगा। राज्य स्तरीय इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क हेतु 53.39 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है जिसके तहत 5100 टन अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन के साथ नई मत्स्य प्रजातियों एवं गुणवत्ता युक्त मछली उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आईटीबीपी को की जा रही जीवित बकरी, भेड़, कुक्कुट, ट्राउट मछली की आपूर्ति की व्यवस्था संबंधी अनुबंध की भांति सेना को भी शामिल किए जाने के लिए कार्य करने के लिए कहा। इससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलने के साथ उत्पादकों की आर्थिकी मजबूत होगी। मुख्यमंत्री ने ग्राम्य गौ सेवक योजना तथा गो सदनों के निर्माण में भी तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। इस संबंध में जानकारी दी गई कि अक्टूबर 2024 तक जीवित बकरी, भेड़, कुक्कुट एवं मछली की 800 मीट्रिक टन आपूर्ति की गई। राज्य सरकार द्वारा 5 करोड़ के रिवॉल्विंग फंड की भी व्यवस्था की गई है। 10 सहकारी समितियों व किसान उत्पादक संगठनों के 253 पशुपालक लाभान्वित किए गए जबकि नवंबर 2024 तक किसानों को 1.60 करोड़ डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया गया। इस अवधि में 6455 किलोग्राम ट्राउट मछली 22735 किग्रा. जीवित कुक्कुट 33536 किग्रा. जीवित भेड़ बकरी की आपूर्ति की गई।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, डॉ. बीवीआरसी पुरूषोत्तम, वी षणमुगम, विनोद कुमार सुमन, रणवीर सिंह चौहान आदि माैजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal

Most Popular

To Top