
जम्मू, 22 मार्च (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर में 14867 मेगावाट जलविद्युत क्षमता है जिससे यह भारत में स्वच्छ ऊर्जा का केंद्र बन सकता है। फिर भी इस विशाल वादे के बावजूद आज तक केवल एक अंश 3,500 मेगावाट का ही दोहन किया जा सका है। इसमें से 2250 मेगावाट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (एनएचपीसी) द्वारा विकसित किया गया है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने शनिवार को विधानसभा को सूचित किया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 18000 मेगावाट जलविद्युत क्षमता का अनुमान है जिसमें से 14867 मेगावाट की पहचान की गई है।
विधायक ईदगाह के प्रश्न के लिखित उत्तर में विद्युत विकास विभाग के प्रभारी मंत्री उमर अब्दुल्ला ने सदन को सूचित किया कि चिनाब घाटी में 11283 मेगावाट, झेलम बेसिन में 3084 मेगावाट और रावी बेसिन में 500 मेगावाट जलविद्युत की पहचान की गई है।
मंत्री ने सदन को बताया कि अब तक केवल 3540.15 मेगावाट बिजली का ही दोहन किया जा सका है। इसमें से 2250 मेगावाट बिजली केंद्रीय क्षेत्र में 1197.4 मेगावाट यूटी क्षेत्र में तथा 92.75 मेगावाट बिजली स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के माध्यम से प्राप्त की गई है।
जम्मू-कश्मीर में 31 बिजली परियोजनाओं में से एनएचपीसी छह परियोजनाओं जम्मू-कश्मीर राज्य बिजली विकास निगम 13 परियोजनाओं तथा स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) 12 परियोजनाओं का प्रबंधन करता है।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
