शिमला, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) 2006 के तहत 3327 मामलों को मंजूरी दी गई है। इनमें से 637 मामले अधिनियम की धारा 3(1) के तहत और 2690 मामले धारा 3(2) के तहत स्वीकृत किए गए हैं।
विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक आशीष बुटेल के सवाल का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि एफआरए 2006 पूर्व यूपीए सरकार का एक क्रांतिकारी कानून है, लेकिन हिमाचल में अब तक इसका पूरा लाभ लोगों को नहीं मिल पाया है।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार एफआरए को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए अप्रैल में पंचायती राज प्रतिनिधियों की राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित करेगी। उन्होंने इस कानून को जनहित में बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजस्व मंत्री ने पूर्व भाजपा सरकारों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने इस कानून को प्रदेश में ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार इसे पूरी गंभीरता से लागू करेगी, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराणा राणा के सवाल पर मंत्री ने बताया कि जिले में एफआरए के तहत अब तक 52 मामलों को स्वीकृति दी गई है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
