Uttar Pradesh

हिंदी को अब विदेशों में भी मिल रहा सम्मान : शैलेन्द्र नाथ

हिंदी को अब विदेशों में भी मिल रहा सम्मान

कानपुर, 19 मार्च (Udaipur Kiran) । समय-समय पर भारत सरकार के द्वारा हिंदी के विकास के लिये जो प्रयास आरंभ किये गये हैं, उनके सार्थक परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं। अब हिंदी को विदेशों में भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा है। इसका स्पष्ट प्रमाण बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा हिंदी में प्रचार माध्यमों को बढ़ावा दिया जाना है। यह बातें बुधवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर में हिंदी कार्यशाला पर बतौर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी शैलेन्द्र नाथ ने कही।

राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर में बुधवार को एक विशेष हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व महाप्रबंधक, विभिन्न विभागों में उच्च प्रशासनिक पदों पर आसीन रहे सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी, सम्प्रति उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में सलाहकार एवं वरिष्ठ विद्वान शैलेन्द्रनाथ को अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया। निदेशक, प्रो.सीमा परोहा तथा अतिथि वक्ता द्वारा मां शारदा के दीप प्रज्वलन और पुष्पार्पण के साथ कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यशाला में 50 से अधिक अधिकारियों ने भागीदारी की।

हिंदी की प्रगति यात्रा पर संतोष व्यक्त करते हुये संस्थान की निदेशक, प्रो.सीमा परोहा ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब हिंदी को भी विदेशों में संपर्क भाषा के माध्यम के रूप में मान्यता मिलेगी। इसके लिये सरहद पार विदेशों में बसे कोटि-कोटि हिंदुस्तानियों को साधुवाद दिया जाना समीचीन होगा जो अपनी भाषा और संस्कृति को वहां पर भी बढ़ा रहे हैं। सच्चे मन से किया गया प्रयास लक्ष्य की प्राप्ति में सफलता दिलाता है, इसलिये हम सबको हिंदी में काम कर हिंदी को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिये।

कार्यक्रम का संचालन करते हुये मल्लिका द्विवेदी, सहायक निदेशक (राजभाषा) ने कार्यशाला में व्याख्यान हेतु पधारे विद्वान अतिथि वक्ता और अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के आयोजन में दया शंकर मिश्र, निदेशक के निजी सचिव का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद

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