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एएसआई और भारत सरकार को पक्षकार बनाने की मांग स्वीकार

इलाहाबाद हाईकाेर्ट्

हिन्दू पक्ष की संशोधन अर्जी पांच हजार रुपए के हर्जाने के साथ हाईकोर्ट ने मंजूर की

प्रयागराज, 19 मार्च (Udaipur Kiran) । श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (एएसआई) और केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की हिन्दू पक्ष की संशोधन अर्जी स्वीकार कर ली है। कोर्ट ने हिन्दू पक्ष पर पांच हज़ार रुपए हर्जाना भी लगाया है। हर्जाने की राशि प्रथम विपक्षी मस्जिद कमेटी को देनी होगी।

हिन्दू पक्ष का कहना था कि एएसआई और भारत सरकार को पक्षकार बनाना आवश्यक है। क्योंकि ढांचा एएसआई द्वारा संरक्षित है। र्वष 1920 की अधिसूचना द्वारा इसे संरक्षित किया गया है। आगरा क्षेत्र के संरक्षित भवनों की सूची में भी शामिल है। विवाद निस्तारण में दोनों को पक्षकार बनाना आवश्यक है। मुस्लिम पक्ष ने संशोधन का विरोध किया। कहा गया कि विवाद मंदिर और मस्जिद कमेटी के बीच का है। एएसआई और केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि एएसआई और केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने से विवाद में किसी प्रकार का फर्क नहीं पड़ेगा। कोई नई प्रार्थना या राहत की मांग नहीं की गई है। अर्जी हर्जाने के साथ स्वीकार होने योग्य है। वहीं, जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष ने हाईकोर्ट से अयोध्या की तरह ही शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग की है। इस पर मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति व्यक्त की है। इस मामले में तीन अप्रैल को सुनवाई होगी।

श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद के हिन्दू पक्षकार महेंद्र प्रताप ने कोर्ट के समक्ष श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मूल गर्भ गृह को तोड़कर वहां पर बनाई गई मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग रखी और कहा कि इससे पहले अयोध्या में भी बाबरी मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया गया था। अन्य मामलों को भी विवादित ढांचा घोषित किया जा चुका है। ठीक उसी तरह मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को भी विवादित ढांचा घोषित किया जाए। इस पर मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति व्यक्त की। महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने भगवान श्रीकृष्ण के मूल गर्भ गृह पर बने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद का निर्माण करवाया था। उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर मस्जिद बनी हुई है, वह भूमि करीब दो एकड़ से अधिक है। हिंदू पक्ष उसी भूमि की मांग कोर्ट से कर रहा है। जिस पर वर्तमान में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है। विभिन्न लम्बित प्रार्थना पत्रों पर भी कोर्ट में सुनवाई हुई।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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