
-वित्तीय वर्ष 2024-25 का पुनरीक्षित एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 का प्रस्तावित का अनुमानित आय-व्ययक को बोर्ड की मंजूरी
गाजियाबाद, 18 मार्च (Udaipur Kiran) । गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) बोर्ड की बोर्ड मंडलायुक्त और जीडीए अध्यक्ष हृषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में मंगलवार की शाम को सम्पन्न हुई। इस बैठक में प्राधिकरण का वित्तीय वर्ष 2024-25 का पुनरीक्षित एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 का प्रस्तावित का अनुमानित आय-व्ययक को बोर्ड की स्वीकृति स्वीकृत हुए। वहीं बागपत-लोनी से सटे 61 गांवों के समायोजन समेत कई अहम फैसलों पर मुहर लगी।
बैठक के दौरान कुल 20 प्रस्ताव रखे गये। इनमें महत्वपूर्ण प्रस्तावों में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण क्षेत्र का विस्तारीकरण किये जाने के प्रस्ताव को बोर्ड ने स्वीकृत किया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्राप्ति के विभिन्न मानक मदों के अन्तर्गत रुपये 1294.48 करोड़ की आय का प्राविधान था। जिसके सापेक्ष माह फरवरी 2025 तक रुपये 1087.66 करोड़ की आय प्राप्त हुई है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु पुनरीक्षित आय रुपये 1599.60 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में रुपये 2623.42 करोड़ की आय का प्राविधान प्रस्तावित है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में रुपये 1226.56 करोड़ व्यय का प्राविधान था जिसके सापेक्ष माह फरवरी 2025 तक रुपये 658.82 करोड़ व्यय किया गया है। तदानुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु पुनरीक्षित व्यय रुपये 915.75 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में रुपये 2132.23 करोड़ व्यय का प्राविधान प्रस्तावित है।
बैठक में इन्दिरापुरम योजना के शक्तिखण्ड-4 में 30 मीटर चौड़ी रोड पर कम्युनिटी सेन्टर के निकट नियोजित 5998.78 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का प्लॉट मल्टीप्लेक्स क्रिया के भूखण्ड को होटल/रेस्टोरेन्ट क्रिया में परिवर्तित करने एवं मानचित्र स्वीकृति के समय उक्त क्रिया पर तत्समय प्रभावी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि व अन्य शर्तों/शासनादेश के अन्तर्गत निर्माण की स्वीकृति प्रदान किये जाने का प्रस्ताव बोर्ड द्वारा स्वीकृत किया गया।
प्राधिकरण के विरूद्ध वादों में पैरवी के प्राधिकरण पैनल में मौजूद अधिवक्ताओं को दिये जाने वाले पारिश्रमिक के निर्धारण का प्रस्ताव भी स्वीकृत हो गया।
मधुबन बापूधाम योजना में अर्जित भूमि के सापेक्ष 800 एकड (करार से अर्जित भूमि) व 281 एकड (नवीन भू-अर्जन अधिनियम के
अन्तर्गत अर्जित भूमि) से प्रभावित किसानों को देय 06 प्रतिशत व 20 प्रतिशत विकसित भूखण्ड एवं योजना के पॉकेट-ई में स्थित शमशान के निकट नियोजित 373 आवासीय भूखण्डों को अन्यत्र शिफ्ट करने तथा उपरोक्त परिवर्तनों के दृष्टिगत योजना के तलपट
मानचित्र मे संशोधन स्वीकृत किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ।
प्राधिकरण द्वारा करार के माध्यम से ली गयी भूमि – 800 एकड़ विषयक प्राधिकरण के पूर्व बोर्ड निर्णयों के आलोक में करार के माध्यम से प्राप्त 800 एकड़ भूमि के प्रभावित कृषको को 06 प्रतिशत विकसित भूखण्ड दिया जाना तथा विकसित भूखण्ड आवंटित किये जाने के सापेक्ष रू0 3350.00 प्रति वर्ग मी0 की दर से प्रभावित कृषकों से धनराशि लिये जाने का निर्णय लिया गया। इसी क्रम में प्राधिकरण स्तर से 06 प्रतिशत
विकसित भूखण्ड के लिए वर्ष 2010 में कृषको के लिए योजना का प्रकाशन कराया गया। योजना के प्रकाशन के क्रम में कुल 762 कृषको द्वारा आवासीय भूखण्ड प्राप्त करने हेतु आवेदन किये गये, जिनमे से वर्ष 2010 में ही ‘लॉटरी ’ के माध्यम से उपलब्धता के आधार पर 115 कृषको को भूखण्ड आवंटित किये गये।
बैठक में जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स, सचिव राजेश कुमार सिंह, अपर सचिव पीके सिंह, नगर निगम के मुख्य अभियंता एनके चौधरी समेत अन्य विभागों के अधिकारी सम्मिलित हुए।
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(Udaipur Kiran) / फरमान अली
