
कानपुर, 18 मार्च (Udaipur Kiran) । कानपुर कचहरी की स्थापना अंग्रेजों ने सन 1801 में की थी उस समय कचहरी 1816 तक बिठूर ने कार्यरत रही । लोगों काे आने जाने सहित अन्य समस्याओं को देखते हुए 1816 में कचहरी को बिठूर से पुराना कानपुर जिसे अब नवाबगंज के नाम से जाना जाता है, में स्थानांतरित कर दिया गया। यह बातें मंगलवार काे कानपुर बार एसोसिएशन गेट पर कानपुर कचहरी के स्थापना दिवस में पूर्व अध्यक्ष व अधिवक्ता पंडित रवीन्द्र शर्मा ने कही।
उन्होंने बताया कि फिर सन 1861 में कचहरी सिविल लाइन आ गई और कार्य करती रही सन 1861 में बिल्डिंग का नवीनीकरण कर 6 मंजिला भवन बना जो न्याय भवन के नाम से जाना जा रहा है। हम सब उसमें प्रतिदिन न्यायिक कार्य कर रहे हैं। अंत में मिष्ठान वितरित किया गया।
इस मौके पर प्रमुख रूप से अरविंद दीक्षित, आशा साहू, सर्वेश त्रिपाठी, अंजू पाल, सचिन अवस्थी, सुषमा दीक्षित, अंजू गुप्ता हरी शुक्ला, टीनू शुक्ला, जयमाला, मीना श्रीवास्तव, मोहित अवस्थी, संजीव कपूर, प्रियम जोशी, इंद्रेश मिश्रा, वीर जोशी आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद
