कोलकाता, 18 मार्च (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ, जब भाजपा विधायकों ने अपना स्थगन प्रस्ताव खारिज किए जाने पर विरोध प्रदर्शन किया और सदन से वॉकआउट कर लिया। भाजपा विधायकों ने राज्य में होली के दौरान हुई झड़पों पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने इसे खारिज कर दिया।
भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने शुक्रवार को स्थगन प्रस्ताव पेश कर इस मुद्दे पर चर्चा या फिर सरकार की ओर से वक्तव्य की मांग की थी। हालांकि अध्यक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया। उनका कहना था कि सदन में पहले ही ‘साम्प्रदायिक सौहार्द’ पर चर्चा हो चुकी है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद इस विषय पर बयान दे चुकी हैं, इसलिए इस पर और चर्चा की आवश्यकता नहीं है। अध्यक्ष के इनकार के बाद भाजपा विधायकों ने सदन में जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। इसके जवाब में सत्तारूढ़ दल के सदस्य भी विरोध में नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन में हंगामे की स्थिति बन गई।
कुछ देर बाद भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया और विधानसभा लॉन में प्रदर्शन किया। बाद में उन्होंने विधानसभा के बाहर भी प्रदर्शन जारी रखा। इस दौरान विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी भाजपा विधायक किसी खास धर्म के त्योहार के दौरान हुए हमलों पर चर्चा की मांग करते हैं, तो स्पीकर इसे खारिज कर देते हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बीरभूम जिले के सैंथिया इलाके के कई गांवों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। हमारे मुख्य सचेतक ने सिर्फ इस मामले पर सरकार से बयान देने की मांग की थी। अगर मैं सदन में मौजूद होता, तो राज्य के गृह मंत्री, जो कि खुद मुख्यमंत्री हैं, से जवाब मांगता। अगर राज्य सरकार इन सवालों के जवाब सदन में नहीं देगी, तो फिर कहां देगी? स्पीकर एक आंख बंद करके काम कर रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
