Uttar Pradesh

बटलर पैलेस को सांस्कृतिक केंद्र के तौर पर विकसित करेगी योगी सरकार

बटलर पैलेस फाइल फोटो

-प्रदर्शनी, वर्कशॉप, आर्ट गैलरी समेत विभिन्न गतिविधियों का होगा संचालन

लखनऊ,18 मार्च (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण कर उसे सांस्कृतिक व ऐतिहासिक केन्द्र के रूप में पुनर्स्थापित कर रही योगी सरकार ने लखनऊ में स्थित बटलर पैलेस को ‘बुक कैफे’ बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना के अनुसार, इस बुक कैफे में प्रदर्शनी, वर्कशॉप व आर्ट गैलरी समेत विभिन्न गतिविधियों का संचालन होगा। 1915 में राजा महमूदाबाद ने अवध प्रांत के डिप्टी कमिश्नगर सर स्पेंसर हारकोर्ट बटलर की स्मृति में पैलेस की नींव रखी थी। ऐसे में, योगी के विजन को मिशन मानकर लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने पैलेस की मूल संरचना को संरक्षित करते हुए मेकओवर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया को एलडीए द्वारा गठित विशिष्ट टीम द्वारा प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) माध्यम से पूरा किया जाएगा।

परियोजना के अनुसार, मार्च 2025 तक बटलर पैलेस के बुक पैलेस के संरक्षण व विकास कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। परियोजना के अंतर्गत साइट क्लीयरेंस, संरचनात्मक मरम्मत, बाहरी अग्रभाग संरक्षण, बुनियादी वायरिंग और संचालन जैसे कार्यों को विशिष्ट टीम की देखरेख में पूरा किया जाएगा। भवन के सार्वजनिक संपर्क को बढ़ाकर स्थानीय लोगों में विरासत के प्रति जागरूक किया जाएगा। बटलर पैलेस का उपयोग मुख्यतः बुक कैफे के रूप में किया जाएगा जहां अध्ययन सामग्री के साथ ही स्नैक्स व पेय पदार्थ भी विजिटर्स के लिए उपलब्ध होगा। यहां विभिन्न प्रकार के आयोजन भी होंगे। उसके संचालन व प्रचार-प्रसार के लिए कोचिंग संस्थानों का सहयोग भी लिया जाएगा।

आर्ट गैलरी, लाइट एंड साउंड शो का भी होगा आयोजनबटलर पैलेस में बनने वाले बुक कैफे में स्थानीय संस्कृति व विरासत को बढ़ावा देने वाली कार्यशालाओं व कक्षाओं का आयोजन होगा। स्थानीय कलाकारों और ऐतिहासिक विषयों पर प्रकाश डालने वाले प्रदर्शनियों तथा फ़िल्म स्क्रीनिंग के लिए भी जगह का उपयोग हो सकेगा। यहां एक आर्ट गैलरी की भी स्थापना की जाएगी, जो पैलेस व आसपास के क्षेत्र के इतिहास पर केंद्रित होगी। इसके साथ ही, लखनऊ के इतिहास और जनश्रुतियों से जुड़ी कहानियों को प्रदर्शित करने वाले लाइट एंड साउंड शो का भी यहां संचालन हो सकेगा। बटलर पैलेस का इस्तेमाल कला प्रदर्शनियों, शिल्प मेले, स्थानीय उत्पादों व हस्तनिर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी जैसे कार्यों के लिए भी हो सकेगा।

वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्रा ने बताया कि इसका श्रेय लोक भारती संस्था को देना चाहिए। लोक भारती ने बटलर पैलेस की झील के संरक्षण व सौन्दर्यीकरण की पहल की थी। इसके बाद सरकार का ध्यान इस ओर गया है। आज झील भी देखने लायक बन गयी है।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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