Uttar Pradesh

नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देकर एक जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए सीएसजेएमयू प्रतिबद्ध :कुलपति

शैक्षणिक समुदाय में उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देना ही कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य

कानपुर,13मार्च (Udaipur Kiran) । छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय एवं टी-हब हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में 10 से 13 मार्च तक चार दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हैदराबाद स्थित टी-हब भवन, द ओएसिस में आयोजित किया गया है। जो टी-हब द्वारा किकस्टार्ट कार्यक्रम के तहत संचालित किया गया। यह जानकारी गुरूवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने दी।

प्रो. विनय पाठक ने बताया कि इस कार्यक्रम में सीएसजेएमयू के विभिन्न स्कूलों के संकाय सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी की। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक समुदाय में उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देना और शैक्षणिक संस्थानों में इनक्यूबेशन केंद्रों के विकास के लिए संकाय सदस्यों को आवश्यक ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाना था। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, जहां स्टार्टअप सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, सीएसजेएमयू नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देकर एक जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कुलपति ने बताय कि कार्यक्रम का उद्घाटन टी-हब के मुख्य डिलीवरी अधिकारी (सीडीओ) फनी कोंडेपुड़ी और सीएसजेएमयू के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र ने चार दिवसीय कार्यक्रम की दिशा तय की, जिसमें शैक्षिक संस्थानों में इनक्यूबेशन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया।

जिनमें शामिल थे किरण बाबू (सह-संस्थापक और सीईओ, रावा.ए आई ), हबीब निज़ामुद्दीन (संस्थापक और सीईओ, डाटा फर्म टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस), अरुण चिन्नाचामी (संस्थापक, इंसोव्यू), श्रीधर सेशाद्रि (सीईओ और सह-संस्थापक, मिनटमोरे इंक) और भट डिट्टकावी (संस्थापक और सीईओ, अलवेंचर्स)। टी-हब टीम के सदस्यों में स्वारूपा, चेतन और प्रज्ञा ने कार्यक्रम के आयोजन और इंटरएक्टिव सत्रों को सफलतापूर्वक संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों में डॉ. अनिल कुमार यादव, डॉ. रमेंद्र सिंह निरंजन, डॉ. प्रशांत त्रिवेदी, डॉ. अंशु सिंह, डॉ. हीना वैष, डॉ. अनुप्रिया कपूर, डॉ. गौरव कुमार, डॉ. धनंजय डे, अर्पित दुबे, डॉ. विमल सिंह, सचिव गौतम, डॉ. अंकित कुमार, डॉ. अंकित सिंह भदौरिया और डॉ. दिव्यांश शुक्ला शामिल थे।

कार्यक्रम में एक स्थायी स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण, शैक्षिक संस्थानों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना, मेंटरशिप रणनीतियाँ, वित्तपोषण मॉडल और नेटवर्किंग के अवसर जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों को टी-हब और टी-वर्क्स का भी दौरा कराया गया, जिससे उन्हें नवाचार के व्यावहारिक पहलुओं को समझने और स्टार्टअप संचालन का वास्तविक अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला। यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) के साथ संरेखित है, जिसमें उद्यमशीलता को सतत आर्थिक विकास का चालक माना गया है।

कुलपति ने बताया कि इनक्यूबेशन केंद्रों में सतत प्रथाओं को शामिल करके, सीएसजेएमयू उन स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की परिकल्पना करता है जो आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय विकास में योगदान करते हैं। वर्तमान में, सीएसजेएमयू में 30 से अधिक स्टार्टअप्स हैं और 100+ स्टार्टअप्स स्थापित करने के लक्ष्य के साथ विश्वविद्यालय ने आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सहयोग सीएसजेएम इनोवेशन फाउंडेशन को क्षेत्र का पहला विश्वविद्यालय नवाचार और इनक्यूबेशन केंद्र बनाने में सहायक होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से, सीएसजेएमयू का उद्देश्य Further स्कूलों के छात्रों को इनक्यूबेशन और विचारधारा में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करना है, जिससे नवाचारी विचारकों और उद्यमियों की एक नई पीढ़ी का निर्माण हो सके।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद

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