
– हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को सभी जिला अदालतों में एनएसटीईटी सिस्टम एवं बीओएमएस सिस्टम लागू करने का दिया निर्देश
– मुख्य सचिव ने कहा, जिला अदालतों में स्टाफ बढ़ाने पर सरकार एक माह में लेगी निर्णय
– अगली सुनवाई 16 अप्रैल को, मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
प्रयागराज, 13 मार्च (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश की सभी जिला अदालतों में एनएसटीईटी सिस्टम एवं बीओएमबीएस (बेल ऑर्डर मैनेजमेंट सिस्टम) लागू करने का निर्देश दिया है। इस सिस्टम के लागू होने से भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता की धारा 223 के अंतर्गत पोर्टल के जरिए नोटिस जारी हो सकेंगे और एफ आर (फाइनल रिपोर्ट) को हाई कोर्ट की सीपीसी की मदद से प्राप्त किया जा सकेगा। साथ ही, पीठासीन अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमानत आदेश जेल पोर्टल पर मिल सकेंगे।
पूरी न्याय व्यवस्था में सूचना तकनीकी क्रांति के युग की शुरुआत के बाद गति मिलेगी। अभी गाजियाबाद शामली सहित कुछ जिला अदालतों में ही सिस्टम काम कर रहा है। कोर्ट ने सरकार को प्रदेश की सभी अदालतों में लागू करने का निर्देश दिया है। साथ ही, कोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों सहित स्टाफ व अधिवक्ताओं को प्रशिक्षित करने का प्रोग्राम आयोजित करने का भी आदेश दिया है और जिला अदालतों में तकनीकी योग्य स्टाफ में बढ़ोत्तरी करने को कहा है। हालांकि मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार अगले एक महीने में स्टाफ बढ़ाने की मांग पर निर्णय ले लेगी। याचिका की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण कुमार सिंह देशवाल ने सचिन की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट के पिछले आदेश पर प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव न्याय, डीडीजी-एनआईसी, एडीजी टेक्निकल सर्विस उप्र, डीजी अभियोजन, डीजी कारागार, कुछ जिला जज एवं पुलिस अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग व महानिबंधक सहित आधे दर्जन हाई कोर्ट के अधिकारी कोर्ट में हाजिर हुए। सभी ने कार्य प्रगति की जानकारी दी। कोर्ट ने अगली तिथि को भी इन सभी अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग व व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहने का आदेश दिया है और कृत कार्रवाई की जानकारी मांगी है।
न्यायिक प्रशिक्षण एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट, एन आई सी, कारागार, अभियोजन आदि विभागों के प्रमुखों ने अपनी कार्यवाही की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आन लाइन व आफ लाइन प्रक्षिशित किया जा रहा है। जेल अधिकारियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
कोर्ट ने एनआईसी को इलेक्ट्रॉनिक रिलीज ऑर्डर का फार्मेट तैयार करने का निर्देश दिया है ताकि डिजिटल हस्ताक्षर युक्त आदेश का इस्तेमाल किया जा सके। कोर्ट ने डीजी कारागार को कहा है कि सभी जेल अधीक्षकों को जेल मेल बाक्स को बीप मोड में ऐक्टिवेट रखने का निर्देश जारी करें। कोर्ट ने एडीजी टेक्निकल सर्विस से कहा कि इलेक्ट्रॉनिक समन रजिस्टर के बाबत जानकारी दे।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
