
शिमला, 13 मार्च (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म करने के लिए और सख्त कदम उठाएगी और सभी सरकारी कार्य पारदर्शिता के साथ किए जाएंगे। उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार प्रदेश की संपत्तियों को लुटने नहीं देगी और इसका सही इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सरकार विकास कार्यों में कोई कमी नहीं आने देगी और संसाधनों का उपयोग बेहतर तरीके से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री वीरवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश की संपदा को लूटा और हिमकेयर योजना के तहत 350 करोड़ रुपये निजी संस्थानों को दे दिए, जिसका अब ऑडिट करवाया जाएगा। इस पर विपक्षी सदस्य नाराज होकर सदन से बाहर चले गए।
सोशल मीडिया पर टारगेटेड कैंपेन का आरोप
मुख्यमंत्री ने विपक्षी भाजपा पर उनकी छवि खराब करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से टारगेटेड कैंपेन चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीआईडी ने ऐसे 19 मामलों की पहचान की है, जहां कांग्रेस विधायकों को भी निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अब कानून बदल चुका है और गलत तथ्य पेश करने पर सोशल मीडिया पर ऐसा अभियान चलाने वालों की जवाबदेही तय होगी।
नशा माफिया पर कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार ने पीसी एंड एनडीपीएस एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया, जिससे प्रदेश में नशे का प्रचलन बढ़ा। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने नूरपुर में ड्रग माफिया से जुड़े एक व्यक्ति की संपत्ति को ध्वस्त किया है और 300 अन्य संदिग्ध व्यक्तियों और उनकी संपत्तियों की पहचान की गई है, जिन पर जल्द ही कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2024-25 में पुलिस ने 25.42 करोड़ रुपये की ड्रग तस्करों की संपत्ति को अटैच किया है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि प्रदेश में कुछ सरकारी कर्मचारी भी चिट्टे की तस्करी में लिप्त पाए गए हैं, जिनमें आठ पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। इनमें से दो को बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि अन्य पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुक्खू ने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने मंदिर न्यासों से भी पैसा लिया। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए मंदिरों से 15.70 करोड़ रुपये लिए जबकि चिंतपूर्णी ट्रस्ट से पांच साल में 35 करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं के लिए निकाले गए।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया है और भाजपा को दिखावे का गौ सेवक करार दिया।
वित्तीय चुनौतियों का डटकर मुकाबला
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आर्थिक मोर्चे पर भी मजबूती से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में प्रदेश की ऋण लेने की सीमा 16,352 करोड़ रुपये थी, जिसे बीते साल घटाकर 12,176 करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश को वैट के तहत 3,993 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलता था, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद यह 2022 तक घटकर 3,200 करोड़ रुपये हो गया और अब पूरी तरह बंद हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2021 में प्रदेश को मिलने वाली 11,431 करोड़ रुपये की राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी) अब घटकर वित्त वर्ष 2025-26 में केवल 3,257 करोड़ रुपये रह गई है। उन्होंने कहा कि इस चुनौती का भी सरकार युद्ध की तरह सामना करेगी।
आइजीएमसी, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेज के लिए घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने शिमला के आईजीएमसी, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में जल्द ही आधुनिक एमआरआई मशीनें स्थापित करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने एनपीएस के तहत केंद्र सरकार के पास जमा 10,000 करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये पर भी सरकार का दावा जताया।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के 1.50 लाख सरकारी नौकरियों को खत्म करने के आरोपों को भी गलत बताया और कहा कि उनकी सरकार ने जनता के खिलाफ कोई निर्णय नहीं लिया और यदि कोई फैसला गलत साबित हुआ तो उसे तुरंत वापस लिया गया।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
