West Bengal

जादवपुर विश्वविद्यालय विवाद : पुलिस चौकी प्रस्ताव पर राज्यपाल और सचिवालय में नया टकराव संभव

जादवपुर विश्वविद्यालय

कोलकाता, 13 मार्च (Udaipur Kiran) । जादवपुर विश्वविद्यालय में एक मार्च को हुई अशांति के बाद पुलिस की कार्रवाई और विभिन्न पहल तेज हो गई हैं, जिससे स्थिति और जटिल होती दिख रही है। इस मुद्दे पर राज्यपाल और राज्य सचिवालय के बीच एक नया टकराव उभरने की आशंका जताई जा रही है।

इस विवाद से जुड़े दो महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आए हैं। पहला, कोलकाता पुलिस ने बुधवार रात जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के दर्शनशास्त्र के छात्र सौम्यदीप माहतो को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट के अनुसार, वह प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (पीडीएसएफ) से जुड़ा है, जिसे वामपंथी झुकाव वाला संगठन माना जाता है। उन पर एक मार्च की रात विश्वविद्यालय परिसर में तृणमूल कांग्रेस समर्थित शिक्षकों के संगठन के कार्यालय में आगजनी का आरोप है। इस गिरफ्तारी के बाद विश्वविद्यालय में तनाव बढ़ने की संभावना है, क्योंकि छात्र विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।

दूसरा बड़ा घटनाक्रम कोलकाता पुलिस का विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर परिसर में स्थायी पुलिस चौकी स्थापित करने के लिए स्थान उपलब्ध कराने का अनुरोध करना है। यह प्रस्ताव आने वाले दिनों में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस और राज्य सरकार के बीच नए टकराव को जन्म दे सकता है।

राज्यपाल, जो जादवपुर विश्वविद्यालय सहित सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं, ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि पुलिस की यह पहल कानूनी ढांचे का उल्लंघन करती है, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन को लेना है, लेकिन यह फैसला मौजूदा नियमों के दायरे में होना चाहिए। यदि निर्णय कानूनी रूप से सही होगा, तो मैं हस्तक्षेप नहीं करूंगा। लेकिन जहां भी अन्याय या अनियमितता दिखेगी, मैं अपने अधिकारों का उपयोग करूंगा। अभी तक वह समय नहीं आया है।

इस बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने भी इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करने की घोषणा की है। एसएफआई के राज्य सचिव देबांजन देय ने कहा कि हम इस प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज करते हैं। हमें संदेह है कि यह चौकी तनाव कम करने के बजाय इसे बनाए रखने के लिए बनाई जा रही है। यही राज्य प्रशासन का असली मकसद है।

इससे पहले, नौ मार्च को जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में उस समय बवाल मच गया जब राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की कार को कथित तौर पर रोक लिया गया और छात्रों से झड़प हो गई। छात्र विश्वविद्यालय में छात्र परिषद के चुनाव की तत्काल घोषणा की मांग कर रहे थे।

प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि विरोध के बीच मंत्री बसु जब विश्वविद्यालय छोड़ने लगे, तो उनकी गाड़ी ने जानबूझकर दो छात्रों को टक्कर मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दूसरी ओर, विरोध प्रदर्शन के दौरान मंत्री को भी हल्की चोटें आईं और उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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