Madhya Pradesh

मुरैना: रंग गुलाल खरीदने के लिये बाजारों में उमड़ी भीड़

बाजारों में बिक रहीं हैं 5 हजार तक की पिचकारी

बाजारों में बिक रहीं हैं 5 हजार तक की पिचकारी

मुरैना, 13 मार्च (Udaipur Kiran) । रंगों के त्यौहार होली का आनंद लेने के लिये लालायित बालक-बालिकाओं सहित विद्यार्थी रंग गुलाल व पिचकारियों की दुकानों पर बड़ी संख्‍या में पहुंच रहे हैं। मुरैना के मारकण्डेश्वर बाजार में सैकड़ों दुकानों तथा ठेलों पर 20 रूपये कीमत से लेकर 5 हजार रूपये तक की पिचकारी मौजूद हैं।

अधिकतर दुकानों पर 20 रूपये से लेकर 500 रूपये तक की पिचकारी की बिक्री अधिक हो रही है। माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी इन दुकानों से बच्चों की इच्छा के अनुसार पिचकारी दिला रहे हैं। इन पिचकारियों में अधिकतर बंदूक वाली पिचकारियां की बिक्री अधिक हो रही है। सबसे ज्यादा पसंद की जा रही बंदूक वाली पिचकारी से होली खेलने को बच्चे आतुर दिखाई दे रहे हैं। वहीं टेंक व अन्य पिचकारियों की रंगों के साथ गुलाल की भी बिक्री हो रही है।

बाजार में रंग गुलाल व पिचकारी खरीदने आई भीड़ ने सडक़ों पर जाम जैसी स्थिति बना दी है। बाजार में बिक्री हो रहे रंग व गुलाल से कुछ लोग दूर हो रहे हैं क्योंकि इनके उपयोग से कहीं न कहीं नुकसान हो जाता है। ऐसे लोग होली के दौरान हर्बल गुलाल का उपयोग करेंगे।

वही स्व-सहायता समूह द्वारा उत्पादित हर्बल गुलाल को खरीदने के लिये उनके केन्द्रों पर पहुंच रहे हैं। जिससे समूहों द्वारा निर्मित हर्बल गुलाल की बिक्री भी खूब हो रही है।

टेंसू से बना गुलाबी, गेंदा से बना पीला तथा पालक से बना हरा रंग समूह के बिक्री केन्द्र पर मिल रहा है। दो दिन के अंदर ही समूह द्वारा निर्मित एक कुंतल से अधिक हर्बल गुलाल की बिक्री हाथों हाथ हो गई, जिससे समूह के 13 सदस्यों के साथ-साथ आधा सैंकड़ा से अधिक आदिवासी व गरीब महिलाओं की होली में अनेकों रंग पैदा हो गये हैं। सांई कृपा स्व-सहायता समूह धूरकूड़ा पहाडग़ढ़ की समूह सचिव श्रीमती अनुराधा धाकड़ ने बताया कि लगभग एक महीने की मेहनत से बनाया गया हर्बल गुलाल दो दिन में ही बिक्री हो गया। इससे समूह सदस्यों को आर्थिक लाभ हुआ है। लगभग आधा सैकड़ा से अधिक महिलाओं को रोजगार भी मिला।

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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा

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