

आगरमालवा, 13 मार्च (Udaipur Kiran) । जिले में होली का त्यौहार अनूठे तरीके से मनाया जाता है। इसके लिये क्षेत्र में हलावाइयों की दुकानों पर शक्कर से बने गहने ग्रामीणों द्वारा खरीदे जा रहा हैं। अपनी परम्पराओं के तहत इन गहनों को पहनकर होलिका की पूजा अर्चना की जाएगी।
होली पर्व पर मालवा क्षेत्र के आगरमालवा जिले के ग्रामीण क्षैत्रों में वर्षो से चली आ रही फागुनी की परम्परा का निर्वहन करने के लिये छोटे-छोटे बच्चे और युवक-युवतियां सगाई के बाद इस क्षेत्र में प्रचलित अपने-अपने ससुराल से भेजे गये शक्कर से बने गहनें हार, कंगन आदि को लड़कियाँ गले और हाथों में पहनकर होली के ड़ांडे की पूजा करने के लिये सजधज कर जाती है। शक्कर के इन गहनों की बिक्री का कार्य इन दिनों बड़ी संख्या में हलवाईयों की दुकानों पर किया जा रहा है। इन गहनों को बनाने के लिये पहले शक्कर की चाशनी बनाई जाती है इसके बाद लकड़ी के सांचों को पानी में रखकर पहले चाशनी को सांचों में डाला जाता है जिससे इन हार और कंगनों की आकृती बनती है और ठंडे होने बाद इनको बेचने के लिये दुकानों पर रखा जाता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग बड़े ही उत्साह के साथ इन शक्कर के गहनों की खरीदी करते हैं।
(Udaipur Kiran) / रितेश शर्मा
