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भारतीय लोग प्रचार से नहीं विचार से प्रभावित होते हैं : जे. नन्द कुमार

मंथन को संबोधित करते हुए प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे.नन्द कुमार
मंथन में बोलते हुए गोपाल आर्या

महाकुंभ में दुनिया ने अध्यात्म के चरमोत्कर्ष को देखा

लखनऊ, 12 मार्च (Udaipur Kiran) । प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नन्द कुमार ने कहा कि भारतीय लोग प्रचार से नहीं विचार से प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ को सनातन और भारतीय संस्कृति के अखण्ड प्रवाह के हिस्से के रूप में देखना चाहिए। कुंभ हिन्दू संस्कृति और यहां की एकता अखण्डता का परिचय कराता है। महाकुंभ में दुनिया ने अध्यात्म के चरमोत्कर्ष को देखा। वह बुधवार को लखनऊ के ताज होटल में पांचजन्य द्वारा आयोजित मंथन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंथन में बोलते हुए जे. नन्द कुमार ने कहा कि भारत को ‘भारत’ नाम से ही बुलाना चाहिए, किसी अंग्रेजी शब्द से नहीं। इस पर एक अभियान भी शुरू हो चुका है।

महाकुंभ में वितरित हुए 13 लाख कपड़े के थैले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक व पर्यावरण गतिविधि के अखिल भारतीय संयोजक गोपाल आर्या ने कहा कि कुंभ एक अद्भुत, अलौकिक और अकल्पनीय घटना है, बिना देखे उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ कुंभ और हरित कुंभ के लिए घर-घर से इकट्ठा करके 1417000 थालियां और साढ़े 13 लाख कपड़े के थैले महाकुंभ में वितरित किए गए।

भारत ने सभी प्रकार के विचारकों को जन्म दियामंथन में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महासचिव शार्त्से खेंसुर रिनपोछे जंगचुप चोएडेन ने कहा कि भारत दूसरों से बहुत अलग है। इस देश ने सभी प्रकार के विचारकों को जन्म दिया है और वैश्विक एकता में गहरी आस्था दी है। ये सभी आस्थाएं कई वर्षों से एक साथ समाहित होकर रह रही हैं। उन्होंने कहा एकता का एहसास करने के लिए अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य को समझने की जरूरत है।

हिमालयन बौद्ध सांस्कृतिक संघ, गेलुक इंटरनेशनल फाउंडेशन के अध्यक्ष लामा चोसफेल ज़ोटपा ने कहा कि सनातन धर्म से जुड़े सभी पंथों को एक-दूसरे का सहयोग करके अपनी विशेषताओं को दुनियाभर में पहुंचाना चाहिए। ज़ोटपा ने कहा कि इस महाकुंभ से भारत की एकता, अखंडता और प्राचीन परंपरा के संरक्षण एवं विकास में काफी सहयोग मिला है।

साध्वी जया भारती ने कहा कि महाकुंभ से भारत फिर से विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी बन गया है। जो चीज़ सनातन की भव्यता और दिव्यता में विद्यमान है, जिसे नकारा जा रहा था, कुंभ ने यह सिद्ध कर दिया है कि कोई कितना भी जोर लगा ले, इसे नकारा नहीं जा सकता।

मुख्यमंत्री योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि लोगों ने कुंभ के दौरान अयोध्या मंदिर के लिए जितना योगदान दिया है, उससे संभवत: एक और बड़ा मंदिर बन सकता है। अवस्थी ने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में महाकुंभ एक महत्वपूर्ण चरण है। प्रत्येक भारतीय के मानस पटल पर एक अनोखी जागृति महाकुंभ से आई है।

चाणक्य विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. केवी राजू ने कहा कि इस महाकुंभ में 66 करोड़ लोग शामिल हुए हैं अब अगले महाकुंभ में 100 करोड़ लोग शामिल होंगे। डॉ. केवी राजू ने कहा कि बेहतर प्रबंधन और सुव्यवस्था की वजह से महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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