
-राज्य सरकार देगी पांच लाख मुआवजा
नैनीताल, 12 मार्च (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने पोलियो ग्रस्त अभियुक्त को पाॅक्सो एक्ट के तहत 20 साल की सजा और आर्थिक दंड देने के जिला अदालत ऊधमसिंह नगर के आदेश को रद्द करते हुए उसे दोषमुक्त कर दिया है। साथ ही, राज्य सरकार को उसे 5 लाख रुपये का मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि अभियुक्त की शारीरिक अक्षमता को नजरअंदाज कर पुलिस ने मामले की सही जांच नहीं की थी।मामले के अनुसार खटीमा निवासी रोहित उर्फ कबीर ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि एफटीसी/एडिशनल कोर्ट ऊधमसिंह नगर ने उन्हें व हरविंदर पाल को आईपीसी की धारा 366, 342, 376(d), 506 व 120बी तथा चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 5(g)6 के तहत 20 साल की सजा व आर्थिक दंड से दंडित कर 21 नवम्बर 2023 को हल्द्वानी जेल भेज दिया गया था तब से वे जेल में बंद है। अपील में कहा गया कि उसने यह कृत नहीं किया और न ही इसे करने में वह सक्षम है। अपील में कहा कि जब उसकी उम्र 5 वर्ष की थी तब से वह पोलियो रोग से ग्रस्त है। उसके दोनो पैर कार्य नही करते हैं। वह हाथों से नित्य कार्य करता है। उसे पुलिस ने बेवजह बिना जांच व मेडिकल परीक्षण के उसके खिलाफ खटीमा थाने में 2018 में मुकदमा दर्ज कर दिया। लिहाजा उसे दोषमुक्त किया जाए।
इस मामले में खटीमा निवासी पीड़िता की मां ने 6 मई 2018 को खटीमा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि पाल साइबर कैफे के कर्मचारी के कबीर ने उसकी लड़की को फोन करके स्कूल से फार्म भरवाने के लिए कैफे बुलाया। काफी देर तक जब वह घर नहीं आई तो वह साइबर कैफे गई ताें वहां उसकी बेटी नहीं मिली। पुलिस की खोजबीन के बाद लड़की बरामद हुई। उसके बाद पुलिस ने इनके खिलाफ पाॅक्सो व भारतीय दंड प्रक्रिया की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। उसके बाद एफटीसी कोर्ट ऊधमसिंह नगर ने उन्हें 20 साल की सजा व आर्थिक दंड से दंडित कर हल्द्वानी जेल भेज दिया।
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(Udaipur Kiran) / लता
