
सोनीपत, 12 मार्च (Udaipur Kiran) । दीनबंधु
छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल के कुलपति
प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि 5-जी तकनीक भारत के औद्योगिक विकास, स्टार्टअप इको सिस्टम
और डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। सरकार और टेलीकॉम कंपनियां 5-जी
नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रही हैं, जिससे भारत वैश्विक तकनीकी हब के रूप में उभर
सकता है।
डीसीआरयूएसटी
मुरथल के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग और आईआईटी रुड़की के आई
हब दिव्य संपर्क द्वारा 5जी और आईओटी पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें 100 से अधिक
छात्रों ने शिरकत की। भारत अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 5जी के विकास
और क्रियान्वयन में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। 5जी और आईओटी प्रधानमंत्री के
विकसित भारत 2047 और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाएंगे।
कुलपति
ने कहा कि 5जी तकनीक केवल इंटरनेट स्पीड तक सीमित नहीं है, बल्कि यह डेटा संचार, औद्योगिक
स्वचालन और स्मार्ट शहरों के निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है। इस तकनीक
से 20 जीबीपीएस तक की स्पीड, 1 मिली सेकंड की अल्ट्रा-लो लेटेंसी और लाखों डिवाइसों
को एक साथ जोड़ने की क्षमता मिलेगी।
प्रो.
सिंह ने कहा कि 5जी तकनीक इंडस्ट्री 4.0 की रीढ़ मानी जा रही है, जिसमें आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस, बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग और ऑटोमेशन का उपयोग कर स्मार्ट फैक्ट्रियां
विकसित की जाएंगी। इससे रियल टाइम मॉनिटरिंग, डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी और प्रिडिक्टिव
मेंटेनेंस के जरिए उत्पादन प्रक्रियाएं अधिक कुशल होंगी।
कार्यशाला
के कोऑर्डिनेटर डॉ. मनोज दूहन और डॉ. विकास नेहरा ने बताया कि आईआईटी रुड़की ने 5जी
और आईओटी के लिए डीसीआरयूएसटी को 30 लाख रुपये के उपकरण उपलब्ध करवाए हैं। कार्यशाला
में आईआईटी कानपुर के एलुमिनाई और यूनिकवरेज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ कौशलेन्द्र
सिंह सिसोदिया मुख्य रिसोर्स पर्सन रहे।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
