
जयपुर, 12 मार्च (Udaipur Kiran) । होली-रंगों का त्योहार,खुशियां और उमंग लेकर आता है, लेकिन साथ ही आंखों के लिए भी जोखिम का कारण बन सकता है। रासायनिक रंग-सिंथेटिक पाउडर और पानी के गुब्बारे जैसी चीजें आंखों में चोट या संक्रमण का खतरा पैदा कर सकती हैं। यह कहना है नेत्र रोग चिकित्सक जयपुर के डॉ. कुंजलता खुटेटा का।
डॉ. कुजंलता खुटेटा ने बताया कि अपनी आँखों के चारों ओर नारियल का तेल, पेट्रोलियम जेली या कोई अच्छा मॉइस्चराइजर लगाएं ताकि रंग आसानी से चिपके नहीं। वहीं धूप के चश्मे या तैराकी के गॉगल्स पहनकर आँखों को रंग और रासायनिक पदार्थों से बचाएं। साथ ही रासायनिक रंगों के बजाय जैविक, हर्बल या घर पर बने प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें।
होली के दौरान रंग आँखों में जाने से बचें और अगर रंग चला जाए तो आंखों को रगड़ने से बचें। पानी के गुब्बारों से बचें क्योंकि इससे चोट लगने का खतरा होता है। बार-बार हाथ धोएं ताकि रंग आंखों में न पहुंचे। इसके अलावा अच्छी तरह से आंखों में फंसे रंग को साफ करने के लिए साफ पानी का उपयोग करें। साबुन या अन्य केमिकल का प्रयोग न करें। अगर आंखों में जलन बनी रहे तो डॉक्टर की सलाह से लुब्रिकेटिंग ड्रॉप्स का उपयोग करें। अगर आंखों में लालिमा, जलन या धुंधलापन बना रहे तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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(Udaipur Kiran)
