
प्रयागराज, 12 मार्च (Udaipur Kiran) । एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान, मधुबन बिहार स्थित प्रयागराज रेकी सेंटर पर जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा भारत में प्रमुख प्राकृतिक उपचार पद्धतियों में रंग चिकित्सा का भी नाम है। इसलिए होली सभी को खेलनी चाहिए। मिस्र देश में प्रचलित चिकित्सा पद्धति क्रोमो थेरेपी और हेलियो थेरेपी में रंग और प्रकाश का इस्तेमाल कर बीमारियों का इलाज किया जाता है।
-सूर्य की किरणों में भी है सात रंगसतीश राय ने कहा कि हजारों वर्ष पूर्व महर्षि चरक भी सूर्य की रोशनी में कई बीमारियों का इलाज करते थे। सूर्य किरणों में सात रंग हैं। बारिश के मौसम में जब बिजली चमकती है उस समय इंद्रधनुष में इन सात रंगों को अपनी आंखों से देख सकते हैं। हमारे शरीर में भी मुख्य सात चक्र (सहस्रार, आज्ञा, कंठ, हृदय, मणिपूरक, स्वाधिष्ठान एवं मूलाधार चक्र) होते हैं। इन चक्रों के रंग भी क्रमशः बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग होते हैं। चक्रों का रंग सूर्य के किरणों से मेल खाता है। इसलिए सूरज की रोशनी हमें एनर्जी देते हैं।
-पेट की समस्या को ठीक करता है पीला रंगसतीश राय ने कहा कि रंग चिकित्सा में यह माना जाता है कि शरीर के जिस चक्र में रंग की कमी हो जाती है उससे सम्बंधित अंगों में रोग उत्पन्न होता है। यदि किसी तरह उस रंग की कमी को दूर कर दिया जाए तो रोग भी ठीक हो जाएगा। रंग चिकित्सा इसी पर आधारित है। जैसे किसी के पेट में प्रॉब्लम है तो उसका मणिपूरक चक्र कमजोर है और उसके शरीर में पीले रंग की कमी है। उस रंग से सम्बंधित फल सब्जी का ज्यादा इस्तेमाल करें और पीले रंग का कपड़ा पहनने से भी लाभ होगा। पीला रंग हारमोंस में वृद्धि भी करता है, यह पाचन क्रिया को भी ठीक करता है, इससे पेट के रोगों में लाभ होता है।
-कलर थेरेपी का जीवन में जाने -अनजाने होता है रोज उपयोगउन्होंने कहा कि शरीर में जिन रंगों की कमी होती है व्यक्ति इस रंग की तरफ ज्यादा आकर्षित होता है। रोजमर्रा की जिंदगी में जाने-अनजाने हम अक्सर कलर थैरेपी का इस्तेमाल करते हैं। जैसे अलग-अलग रंगों के फल सब्जी खा- पी रहे हैं, कपड़े पहन रहे हैं। उससे हमें अलग-अलग तरह की एनर्जी रोज मिल रही है।
-रंगों की हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिकासतीश राय ने बताया कि शरीर पर रंग लगने के कई फायदे हैं। इससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ एवं शांत होते हैं। रंगों के इस्तेमाल से डिप्रेशन और तनाव जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। हरा रंग डिप्रेशन में लाभ देता है। रंग हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बृहस्पतिवार को पीले रंग के कपड़े पहनने से अपने बृहस्पति ग्रह को मजबूत बनाते हैं। अक्सर लोग विशेष मौकों पर कोई खास रंग के कपड़े पहनना पसंद करते हैं।
-रंग खेलने के भी हैं फायदेसतीश राय ने कहा कि हमारे त्योहार शरीर को निरोग रखने में सहायक होते हैं। होली पर सबको रंग खेलना चाहिए, इसके कई फायदे हैं। लाल रंग से कफ रोग ठीक होता है, इससे मानसिक रोग और सिर दर्द में भी आराम मिलता है। नारंगी रंग से मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। पीले रंग से पाचन संबंधित समस्याएं दूर होती हैं। हरा रंग मन को प्रसन्न करता है। आसमानी रंग शीतलता प्रदान करता है। दमा में भी इससे लाभ मिलता है। नीला रंग शांति प्रदान करता है। आमाशय अंडकोष और गर्मी के सभी रोगों को नष्ट करता है। बैगनी रंग से खून की कमी नहीं होती है।
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
