
रायपुर, 12 मार्च (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज बुधवार काे विपक्ष ने भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार का मामला उठाया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि परियाेजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ है, इसमें राजनीतिक दलों के लोग भी मिले हो सकते हैं। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की। विभागीय मंत्री ने आयुक्त से जांच करने की घोषणा की। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
विधानसभा में आज सदन के शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भारतमाला परियोजना में मुआवजे के दर निर्धारण, वितरण व बकाया का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि रायपुर जिले के नायक बांधा में किसानों के 32 खाते को 247 टुकड़ों में विभाजित कर मुआवता का निर्धारण व वितरण किया गया। साथ कार्य एजेंसी का नाम, पता, अनुबंध की तिथि, लागत राशि व पूर्णता की अवधि की जानकारी मांगी।
विधानसभा में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार स्वीकार करते हुए कहा कि अधिसूचना के बाद रकबे का टुकड़ा किया गया। अधिकृत भूमि का दोबारा भू-अर्जन किया गया। ट्रस्ट के बदले ट्रस्ट के व्यक्ति को मुआवजा मिल गया। डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी पर कार्रवाई की गई है।
इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया जाए। निलंबन ऐसी प्रक्रिया है, जिससे दोषी जल्द बच जाते हैं। निलंबन से लौटने के बाद फिर अधिकारी उसी हिसाब से काम करते हैं। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए।
इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने मामले की जांच आयुक्त से कराने की घोषणा की। विषय पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जांच में कहीं हीलाहवाला नहीं किया जाएगा। कांग्रेस की सरकार ने तो सीबीआई को बैन किया था। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की समिति बनाकर मामले की जांच कराने की मांग की।
कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने शिकायत के आधार पर जांच के दायरे पर सवाल उठाया। मंत्री ने कहा कि आयुक्त से विस्तृत जांच कराई जाएगी। इसके बाद भारतमाला परियोजना के गड़बड़ी पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर हाईकोर्ट जाने का ऐलान किया। इसके साथ ही पूरे विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
—————
(Udaipur Kiran) / चन्द्र नारायण शुक्ल
