
भिंड, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के भिंड जिला मुख्यालय स्थित प्रधान डाकघर में 2.12 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है, जिसमें कैशियर समेत चार कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने मंगलवार को चारों कर्मचारियों को निलंबित किया है, साथ ही कर्मचारियों और उनके परिजनों की अचल संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
दरअसल, डाकघर में जमा होने वाली राशि को नियमित रूप से बैंक में जमा किया जाता है, लेकिन कैशियर सोनू मीणा ने बैंक में पैसा जमा करने के बजाय फर्जी एंट्री कर दी और राशि का गबन कर लिया। इस पूरे खेल के बाद वह मेडिकल लीव लेकर फरार हो गया। घोटाले की भनक लगने के बाद विभागीय जांच हुई, जिसमें पता चला कि गबन की रकम पहले 1.97 करोड़ रुपये थी, लेकिन आगे की जांच में यह बढ़कर 2.12 करोड़ हो गई।
कलेक्टर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में चार कर्मचारियों को घोटाले में दोषी पाया गया, जिनमें से दो मुख्य आरोपी और दो सहदोषी हैं। मुख्य आरोपी में डाक सहायक एवं कार्यवाहक कैशियर सोनू कुमार मीणा और पोस्टमास्टर प्रमोद सिंह भदौरिया का नाम शामिल है। वहीं, लेखापाल निशा नरवरिया और कैश ओवरसियर पुरुषोत्तम शर्मा को सह आरोपी बनाया गया है।
चारों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है। कलेक्टर ने आदेश जारी कर सभी आरोपित कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों की अचल संपत्तियों पर रोक लगा दी है। गबन का मुख्य आरोपी सोनू मीणा अभी भी फरार है, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
(Udaipur Kiran) तोमर
