Madhya Pradesh

मप्र विधानसभाः हंगामेदार रहा दूसरा दिन, बुधवार को राज्य का बजट पेश करेंगे वित्त मंत्री देवड़ा

मप्र विधानसभा (फाइल फोटो)

भोपाल, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा। मंगलवार को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई और देर शाम तक राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सदन से गायब रहे विभागों के प्रमुखों को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल उठाया। इसे लेकर कांग्रेस ने वाक आउट कर नारेबाजी की। इसके बाद आनन-फानन विभाग प्रमुख विधानसभा पहुंचे और पूरी कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे।

विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को 19,206 करोड़ रुपये से अधिक का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया है। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर शाम 7.30 बजे तक चर्चा चलती रही। बुधवार सुबह वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सदन में प्रदेश का 2025-26 का बजट पेश करेंगे।

प्रश्नकाल में दमोह के हटा से भाजपा विधायक उमा देवी खटीक ने जनआशीर्वाद यात्रा में की गई घोषणाओं की जानकारी मांगी। उन्होंने कहा- 2018 में उनके क्षेत्र में 57 घोषणाएं की गई थीं। सरकार इन घोषणाओं को कब तक पूरा कर पाएगी? स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने जवाब में कहा कि विभागीय मापदंडों के पूरा नहीं हो पाने के कारण पटेरा और कुंडलपुर में कॉलेज खोलने में कठिनाई है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को दे दी है।

खंडवा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक कंचन तनवे ने इंदौर संभाग और खंडवा जिले में 2018 से अब तक आयोजित खेल प्रतियोगिताओं की जानकारी मांगी। उन्होंने पूछा कि कितने खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर चयनित किए गए? विभाग द्वारा कितनी प्रोत्साहन राशि दी गई। जवाब में खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि राज्यस्तर पर 46 प्रतियोगिताएं कराई गई हैं। 2023-24 में 28 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। 2024-25 में 8 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। 19 वर्ष से कम उम्र के खिलाड़ियों को अधिकृत राज्यस्तरीय पदक आने पर और सब जूनियर-सीनियर वर्ग के खिलाड़ियों को पदक और पुरस्कार राशि दी जाती है।

झाबुआ के जोबट से कांग्रेस विधायक सेना पटेल ने पूछा अधिसूचित क्षेत्र आलीराजपुर, धार, झाबुआ, बड़वानी, खरगोन में पेसा कानून लागू करने के लिए कितनी ग्राम सभाओं का गठन हो चुका है। ग्राम सभा के कार्य क्षेत्र और उसके वैधानिक अधिकार क्या हैं? किन विषयों पर निर्णय लेने की शक्ति ग्राम सभा के पास है? सेना पटेल ने सरकार से यह सवाल भी किया कि ऐसे विषय बताए जाएं, जिनमें ग्राम सभा फैसला नहीं कर सकती है। अधिसूचित क्षेत्रों में रेत, गिट्टी, डोलोमाइट, बॉक्साइट के साथ ही शराब के ठेके रोड निर्माण, पुलिया निर्माण आदि के प्रस्ताव ग्राम सभा के माध्यम से पारित किए जा रहे हैं या नहीं? इसकी भी जानकारी दी जाए।

जवाब में पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि पेसा एक्ट के तहत आलीराजपुर में 537, झाबुआ में 771, धार में 1329, बड़वानी में 683 और खरगोन में 713 ग्राम सभाओं का गठन किया है। ग्राम सभाओं से ही प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं। झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी में रेट-गिट्टी, बॉक्साइड, डोलोमाइट की नीलामी नहीं हुई।

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि डॉ. मोहन यादव सरकार का दूसरा बजट है। यह उम्मीद जताई जा रही थी कि कोई नई योजना या कुछ नया राज्यपाल के अभिभाषण में मिलेगा, लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। उन्होंने प्रदेश के स्कूलों में 70,000 शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया। कहा कि सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। इस पर खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि विधायक अभिभाषण से हटकर वक्तव्य दे रहे हैं। इसको लेकर सत्ता पक्ष के दूसरे सदस्य भी सारंग का समर्थन करने लगे।

पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट से विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में शहरी क्षेत्र वालों को ढाई लाख रुपए मिलते हैं। गांव में आवास बनाने वालों को डेढ़ लाख रुपए ही मिलते हैं। सरकार को चाहिए कि गांव वालों को भी उतनी ही राशि दी जाए, जितनी राशि शहरी क्षेत्र में पीएम आवास बनाने वालों को दी जाती है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन में विभागों के प्रमुख सचिवों की गैरमौजदूगी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह कितनी लापरवाही की बात है कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चल रही है, लेकिन किसी भी विभाग का प्रमुख सचिव मौजूद नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार भी इसको लेकर गंभीर नहीं है। सिर्फ दो मंत्री सदन में मौजूद हैं। इस पर मंत्री बोले कि सदन में जवाबदारी मंत्रियों की होती है। इसके बाद सदन से कांग्रेस ने वाक आउट कर दिया।

कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में नाम काटे जा रहे हैं, लेकिन नए नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं। महिलाओं ने सरकार बना दी है तो सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि लाड़ली बहन योजना में नाम जोड़कर उन्हें लाभ दिया जाए। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में सरकार ने खूब वाह-वाही लूटी और करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन आदिवासी युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने मनरेगा योजना बंद होने का जिक्र करते हुए कहा कि गांव में लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने एससी-एसटी छात्रावासों के क्षतिग्रस्त होने का मामला भी उठाया।

निवास विधायक चैन सिंह वरकडे ने कहा कि सरकार सीएम राइज स्कूल बना रही है, लेकिन प्राइमरी और मिडिल स्कूल भी बनाए रखना चाहिए। इन विद्यालयों में छात्रावास का भी इंतजाम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को सबके साथ समान भाव रखना चाहिए। भाजपा विधायकों के क्षेत्र में 15 करोड़ रुपये की काम कराए जा रहे हैं। कांग्रेस विधायकों के यहां 10 लाख रुपये के काम कराए जा रहे हैं। यह व्यवस्था ठीक नहीं है।

उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में प्रशंसा और चापलूसी ज्यादा अच्छी है। इसलिए जिन अधिकारी और मंत्री ने इसे बनाया है उसे इनका ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला आयोग के अध्यक्ष का पद रिक्त है। 30 हजार आवेदन पेडिंग है। लाड़ली बहन योजना में भी नए नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं। आजीविका मिशन में भर्ती में बड़ा घोटाला हुआ है। सरकार कह चुकी है कि एमएल बेलवाल इस मामले में दोषी हैं, लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इस पूरे मामले में मुख्य सरगना इकबाल सिंह बैंस हैं। पूर्व पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव इस मामले में बेलवाल के खिलाफ लिख चुके हैं। इकबाल सिंह बैंस पर एफआईआर दर्ज होना चाहिए।

विधायक प्रताप ग्रेवाल ने सदन में बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 7 माह में 36 लाख बेरोजगार कहां चले गए। यह तो भगवान जानते हैं या सरकार जानती है। विधायक कैलाश कुशवाहा ने शिवपुरी जिले में एक भी उद्योग नहीं होने का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। प्रदेश के 54 जिलों में कोई न कोई उद्योग लगे हैं, लेकिन शिवपुरी में एक भी नहीं लगा। युवाओं को इसके कारण बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है।

विधायक पंकज उपाध्याय ने कहा कि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक साल पहले आश्वासन दिया था कि एक समिति बनाई जाएगी। इसमें समस्याओं के समाधान के लिए उनको भी शामिल किया जाएगा। एक साल बाद भी यह आश्वासन अमल में नहीं आ सका है। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद नहीं मिल पाती है। फसल बेचने पहुंचते हैं तो दो-दो दिन तक लाइन लगाना पड़ता है। अस्पतालों में महिला डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहती हैं। उन्होंने किसानों की जमीन उद्योगपतियों को देने का विरोध करते हुए कहा कि सोलर प्लांट लग जाने से किसानों को पानी मिलना बंद हो जाएगा। सरकार को उद्योग लगाने की चिंता है तो चंबल के बीहड़ में लाखों हेक्टेयर जमीन खाली पड़ी है। वह जमीन उद्योगपतियों को दी जानी चाहिए।

विधायक नारायण सिंह ने कहा कि आईटीआई को निजी संस्थानों को देने की तैयारी चल रही है, जबकि उन्हें अच्छे से संचालित करने की बात कही गई थी। मंडला और डिंडौरी जिलों में पेसा एक्ट लागू होने के बाद भी लोगों को राजस्व अभिलेख नहीं दिए जा रहे हैं। विधायक ने मंडला जिला अस्पताल में बच्चों के वार्ड में चूहों के कारण हो रही दिक्कतों को मामला उठाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में विभिन्न संवर्गों में शिक्षकों के पदों की भर्ती की गई है। सरकार ने 2018 में संविलियन का फैसला लिया और इसके पूर्व की सेवा को शून्य घोषित कर दिया गया। ऐसे में इन शिक्षकों कि 25 साल की सेवा पूरी नहीं हो पा रही है। वह यूपीएस स्कीम का फायदा नहीं ले पा रहे हैं।

सेमरिया विधायक अभय मिश्रा ने कहा एमपी में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। अफसर शाही चल रही है। 20 साल से कॉपी पेस्ट बजट बन रहा है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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