
धमतरी, 11 मार्च (Udaipur Kiran) ।जनपद पंचायत नगरी के ग्राम पंचायत झुंझराकसा में 11 मार्च को जैविक कृषि मेला का आयोजन किया गया। यहां किसानों को जैविक और मिश्रित खेती के उन्नत तरीकों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा थे। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि शासन की योजनाएं तभी सार्थक होगी, जब उनका प्रभाव धरातल पर दिखेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा ने आगे कहा कि जैविक खेती मृदा की उर्वरता को बनाए रखती है और लंबे समय तक टिकाऊ होती है, लेकिन पूर्णतः जैविक खेती करने से उत्पादन में कमी आ सकती है। उन्होंने किसानों को मिश्रित खेती अपनाने की सलाह दी, जिसमें जैविक पद्धतियों के साथ ऐसे आईपीएम (इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट) प्रमाणित रासायनिक उत्पादों का प्रयोग हो, जिससे फसल उत्पादन प्रभावित न हो और पर्यावरण, पशुधन और मानव स्वास्थ्य को कोई नुकसान न पहुंचे। सरकार द्वारा चलाए जा रहे किसान हितैषी कार्यक्रमों का लाभ तभी मिलेगा, जब अधिकारी और संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करें कि किसानों तक सही जानकारी और संसाधन पहुंचें। केवल कार्यक्रमों का आयोजन ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनका व्यावहारिक परिणाम खेतों में दिखना चाहिए। कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य अजय फत्तेलाल ध्रुव ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों तक सही तरीके से पहुंचे, इसके लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को गंभीरता से लेना होगा। पूर्व विधायक श्रवण मरकाम ने कहा कि आज के दौर में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। यदि किसान वैज्ञानिक तरीकों से खेती करें, तो वे अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।
कार्यक्रम में कृषि विभाग के अधिकारियों ने जैविक खेती की उन्नत विधियों जैसे वर्मी कंपोस्ट, जैविक कीटनाशक, फसल चक्र, प्राकृतिक उर्वरकों और आधुनिक जैविक तकनीकों पर किसानों को प्रशिक्षित किया। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने भी बताया कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को रोकने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना आवश्यक है। इस कार्यक्रम में महेश गोटा जनपद पंचायत अध्यक्ष नगरी, प्रभा नेताम जनपद सदस्य घोटगांव, वासुदेव गंजीर, लगनू कुंजाम, रुपसिंह नेताम, सरपंच झुंझराकसा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व किसान उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
