Uttar Pradesh

सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों बड़े मंदिर, संचित धन से हो समाज की भलाई : देवकीनंदन महाराज

भागवत ज्ञान के व्याख्यान के दौरान भक्त झूमते हुए

प्रियाकान्तजु पर बुधवार होगा श्रीमद्भागवत कथा का समापन, 13 को मनेगी सतरंगी हाईड्रोलिक होली

लड्डू-जलेबी, लठामार, फूलों की होली के बाद उड़ेगा गुलाल

मथुरा, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । वृन्दावन ठा. श्रीप्रियाकान्तजु मंदिर पर 13 मार्च को ब्रज की सम्पूर्ण सतरंगी होली मनायी जायेगी। मंदिर पर टेसू के फूलों को भिगोकर सुगंधित रंग तैयार किया जा रहा है। देवकीनंदन महाराज हाईड्रोलिक पिचकारी से श्रद्धालुओं पर रंगों की वर्षा करेंगे। मंदिर पर सात प्रकार की होली खेली जायेगी। हाईड्रोलिक होली की तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं। बुधवार को यहां चल रही श्रीमद्भागवत कथा का समापन होगा।

इससे पूर्व मंगलवार को छटीकरा मार्ग स्थित ठा. श्री प्रियाकान्तजु मंदिर पर चल रहे होली महोत्सव में भागवत प्रवचन करते हुये देवकीनंदन महाराज ने कहा कि सच्चा सुख और संतोष केवल परोपकार और सद्कर्मों में निहित है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में सबसे बड़ा पुण्य दूसरों को सुख देना है। जो दूसरों को कष्ट देता है, उन्हें जानबूझकर दुख पहुंचाता है, उसका अंत दुर्योधन की तरह बुरा होता है। देवकीनंदन महाराज ने कहा कि देश के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाना चाहिये। मंदिरों में संचित धन का उपयोग राष्ट्र की उन्नति और जरूरतमंदों की सहायता में किया जाना चाहिए। मंगलवार को कथा में पधारे वृन्दावन भागवत पीठाधीश्वर पुरूषोत्तम शरण शास्त्री महाराज ने व्यासपीठ पूजन कर श्रोताओं को आशीर्वचन प्रदान किये। प्रियाकान्तजु मंदिर सचिव विजय शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि गुरूवार सुबह प्रियाकान्तजु विग्रह को गुलाल अर्पित कर 9.30 बजे से होली की शुरूआत होगी। मंदिर पर ब्रज की सम्पूर्ण सतरंगी होंली के दर्शन होंगे। इनमें लड्डू-जलेबी की होली, फूलों की होली, लठामार होली, गुलाल की होली, टेसू के रंगों की होली, मधुर भजनों संग भक्ति रंग की होली खेली जायेगी।

गौरतलब है कि प्रियाकान्तजु मंदिर की होली में देश के विभिन्न स्थानों से आये श्रद्धालु-भक्त शामिल होते हैं।

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(Udaipur Kiran) / महेश कुमार

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