
जयपुर, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने किराया नियंत्रण अधिनियम, 2021 की धारा 19ए की व्याख्या करते हुए कहा है कि बेदखली का दावा विचाराधीन रहते हुए भी किराएदार प्रतिमाह मकान मालिक को तयशुदा किराए का भुगतान करेगा। वहीं इस किराए में सालाना तय की गई वृद्धि भी होगी। इसके साथ ही अदालत ने मामले में किराया नियंत्रण अधिकरण के 11 नवंबर, 2021 के आदेश को रद्द कर दिया है। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश अजय सिंह की अपील पर दिए।
अपील में अधिवक्ता परीक्षित सिंह ने अदालत को बताया कि अपीलार्थी ने अपनी संपत्ति से किरायेदार को बेदखल करने के लिए दिसंबर, 2020 में किराया नियंत्रण अधिकरण क्रम-2, महानगर प्रथम में दावा दायर किया था। वहीं किराएदार की ओर से किराए का भुगतान नहीं करने पर उसने अधिनियम की धारा 19ए के तहत अधिकरण में प्रार्थना पत्र पेश कर बकाया किराए का भुगतान दिलाने की गुहार की। इस प्रार्थना पत्र को अधिकरण ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि केस में अभी साक्ष्य दर्ज की जानी है। ऐसे में प्रार्थना पत्र को स्वीकार नहीं किया जा सकता। अधिकरण के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि किरायेदार ने जनवरी, 2021 से किराए का भुगतान नहीं किया है। ऐसे में अधिनियम की धारा 19ए के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए उसे बकाया भुगतान दिलाया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने किराएदार को वार्षिक वेतन वृद्धि के साथ किराए का भुगतान करने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)
