RAJASTHAN

विधानसभा में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा में तीखी बहस

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जयपुर, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा के बीच आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर तीखी बहस हुई। धौलपुर के राजाखेड़ा क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर सवाल पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री जवाब दे रही थीं, लेकिन चर्चा के दौरान दोनों के बीच कई बार नोकझोंक देखने को मिली।

दीया कुमारी ने नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के मापदंड स्पष्ट किए और बताया कि भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही नए केंद्र खोले जा सकेंगे। जब रोहित बोहरा ने पूछा कि क्या सभी केंद्र खोले जा चुके हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि पांच केंद्रों को बजट में मंजूरी मिली थी और अन्य केंद्रों की स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। बोहरा ने आदर्श आंगनबाड़ी और नए केंद्रों के लिए खर्च की गई राशि का विवरण मांगा, जिस पर दीया कुमारी ने कहा कि यह मूल प्रश्न से अलग है। इस पर बोहरा ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने दिसंबर तक की गई बजट घोषणाओं का धन खर्च नहीं किया। इस दौरान सदन में माहौल गर्मा गया, और स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा।

विधानसभा में जयपुर के सांगानेर और प्रदेश में बढ़ती दुष्कर्म घटनाओं को लेकर कांग्रेस ने हंगामा किया। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने बूंदी जिले में हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि सांगानेर में एक पुलिसकर्मी द्वारा महिला से दुष्कर्म की घटना सामने आई है। उन्होंने कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो कानून-व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। मुख्यमंत्री के क्षेत्र में ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो बाकी प्रदेश में क्या स्थिति होगी? इस दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ। स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एक मंत्री के सदन से जाने पर स्पीकर देवनानी ने नाराजगी जताई और कहा कि मैं पहले ही कई बार कह चुका हूं, प्रमुख लोग ही सदन से चले जाएंगे तो व्यवस्था कैसे चलेगी?

भाजपा विधायक भैराराम चौधरी के सवाल के जवाब में गृह विभाग ने स्पष्ट किया कि फिलहाल पुलिसकर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डीजीपी ने पहले साप्ताहिक अवकाश की घोषणा की थी, जिसे सफलतापूर्वक लागू भी किया गया था। उन्होंने सरकार पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया।

विधानसभा में गीग वर्कर कल्याण कानून को लागू करने की समय-सीमा पर चर्चा के दौरान मंत्री सुमित गोदारा और विपक्ष के बीच नोंकझोंक हुई। नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि इस कानून को लागू करने की अंतिम समय-सीमा क्या है, जिस पर मंत्री ने जवाब दिया कि सरकार की 58 प्रतिशत घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं और यह भी जल्द पूरी की जाएगी। टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि सरकार ने गीग वर्कर्स के लिए चार घोषणाएं की थीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि मुख्यमंत्री ने गीग वर्कर्स के लिए 350 करोड़ रुपये की घोषणा की है।

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(Udaipur Kiran)

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