
चंडीगढ़, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । हरियाणा के रेवाड़ी तथा सिरसा जिले के रानिया में नलकूप आधारित भूमिगत पेयजल में फ्लोराइड व यूरेनियम की मात्रा लगातार बढ़ रही है। जिस कारण लोगों में कैंसर जैसी बीमारियां पनप का डर बना रहता है। इससे परेशान लोग अब गांव से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। हालांकि पानी में केमिकल की बात काे राज्य सरकार ने गलत बताया है।
इस संबंध में रेवाड़ी से भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि उनके इलाके के पंद्रह गांवों में केमिकलयुक्त पानी की वजह से लोग खेती नहीं कर पा रहे हैं। स्थिति यह हो गई है कि लोग गांवों से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। संसदीय कार्य मामले मंत्री महिपाल सिंह ढांडा ने कहा कि इन 15 गांवों में केमिकलयुक्त नहीं बल्कि एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स) का पानी है। इसकी जांच करवाई गई है। पानी प्रदूषित है, लेकिन इसमें केमिकल नहीं मिला है।
मंत्री ढांडा के बयान पर लक्ष्मण यादव ने कहा कि 1000 एकड़ से अधिक भूमि में 15-15 फुट तक पानी जमा है। उन्होंने कहा कि एनजीटी ने गाइड लाइन जारी की तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जांच करने के बाद पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को लिखा कि यह केमिकल युक्त पानी है। इसके बाद कई फैक्टरियां को बंद करने की कार्रवाई भी हुई। यादव ने कहा कि धारूहेड़ा, बावल व रेवाड़ी की इंडस्ट्री के अलावा सीवरेज का पानी छोड़ा जा रहा है। इस मामले में पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि इस सत्र के बाद मैं खुद विधायक व अधिकारियों के साथ वहां का दौरा करुंगा और सरकार इस समस्या का हल निकालेगी।
रानियां से इनेलो विधायक अर्जुन सिंह चौटाला ने कहा कि ग्राउंड वाटर खराब हो रहा है। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड और जल शक्ति मिशन की रिपोर्ट का हवाला देत हुए अर्जुन चौटाला ने कहा कि ग्राउंड वाटर में फ्लोराइड और यूरेनियम की मात्रा बढ़ी हुई है। उन्होंने कहा कि इस वजह से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी फैल रही है। उन्होंने पब्लिक हेल्थ विभाग की लैब की जांच रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए। पब्लिक हेल्थ मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने बताया कि करनाल में स्टेट लेवल की लैब है।
इसी तरह से 21 जिला मुख्यालयों और उपमंडल स्तर पर पानी की टेस्टिंग के लिए 23 लैब हैं। गंगवा ने कहा कि रानियां में 24 ट्यूबवैल के पानी में दिक्कत मिली थी। इनमें से 4 जगहों पर नहरी आधारित जलापूर्ति की जा चुकी है। 7 जगहों पर जल्द इसे पूरा कर लिया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि टीडीएस की समस्या को सही करने के लिए नहर के पानी को ट्यूबवैल के पानी में मिलाकर आपूर्ति की जा रही है। इससे टीएसडी की मात्रा कंट्रोल में रहती है।
—————
(Udaipur Kiran) शर्मा
