
नई दिल्ली, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने यूएपीए कानून के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली मई में करने का आदेश दिया।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 04 फरवरी को यूएपीए कानून के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया था जिस पर हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है। याचिका फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स, सजल अवस्थी, अमिताभ पांडे और एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राईट्स ने दायर की है। याचिका में यूएपीए की धारा 10 को चुनौती दी गई है, जिसमें किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित कर उसकी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार दिया गया है। यूएपीए की धारा 10 के प्रावधानों के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी संगठन का सदस्य है और सरकार उसे प्रतिबंधित घोषित करती है या रोक लगाती है तो उस व्यक्ति के खिलाफ भी यूएपीए के तहत कार्रवाई होगी। ऐसा होना संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
याचिका में यूएपीए के तहत गिरफ्तारी और जमानत पर प्रतिबंधों के प्रावधानों को भी चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने याचिका का विरोध करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला दे चुकी है। चेतन शर्मा ने कहा कि फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स के सदस्यों की खुद की शिकायतें हैं।
सुनवाई के दौरान फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा कि यूएपीए के तहत कई पत्रकार जेल में बंद हैं और ये मामला सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर पहले हाई कोर्ट को विचार करना चाहिए।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
