
-अदालत ने अंजुमन इंतजामिया को दिया अंतिम अवसर, 02 अप्रैल को अगली सुनवाई
वाराणसी, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । ज्ञानवापी मामले में तीन साल पुरानी भूमि अदला-बदली को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सिविल जज सीडी हितेश अग्रवाल की अदालत में सुनवाई हुई। वादी पक्ष के अधिवक्ता नित्यानंद राय ने अदालत में बताया कि इस मामले में विपक्षी पक्ष के खिलाफ 20 नवम्बर 2024 को अदालत ने तामिला मान लिया था। राज्य सरकार के अधिवक्ता राजेश मिश्रा और ट्रस्ट के अधिवक्ता रवि पांडेय ने दावे की कापी प्राप्त की है। हालांकि, अंजुमन इंतजामिया को मुकदमे की पूरी जानकारी होने के बावजूद वे अदालत में हाजिर नहीं हो रहे हैं। ऐसे में वादी ने अदालत से प्रार्थना की कि विपक्षी अंजुमन के खिलाफ एकपक्षीय सुनवाई शुरू की जाए।
अदालत ने वादी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद निर्णय लिया कि अंजुमन इंतजामिया को एक और मौका दिया जाए। अगर वे अगले सुनवाई की तारीख तक अदालत में उपस्थित नहीं होते हैं, तो एकपक्षीय सुनवाई प्रारंभ की जाएगी। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 अप्रैल 2025 की तारीख तय की है।
इस मुकदमे में यह दावा किया गया है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की पूरी जमीन बाबा के नाम की जानी चाहिए और इसमें शामिल समस्त अराजियात (8276, 9130, 9131, 9132, 9133, 9134, 9135) मौजा शहर खास, परगना देहात अमानत पर स्वामित्व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का घोषित किया जाए।
याचिका में यह भी कहा गया है कि प्लॉट संख्या 8276 का मालिक होने का दावा करते हुए अंजुमन इंतजामिया ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खरीदी गई भूमि संख्या सी 38/12,13 से इस भूमि का अदला-बदली किया था, जो कि गलत और विधि विरुद्ध है। अदालत से अनुरोध किया गया है कि 10 जुलाई 2021 को किए गए अदला-बदली के विनिमय प्रलेख को शून्य घोषित किया जाए।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
