जम्मू, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । हरि तारा चैरिटेबल ट्रस्ट (एचटीसीटी) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक तवी महोत्सव आज ऐतिहासिक अमर महल पैलेस जम्मू में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के साथ अमर महल संग्रहालय और पुस्तकालय के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह की शुरुआत हुई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सदर-ए-रियासत और एचटीसीटी के चेयरमैन ट्रस्टी डॉ. करण सिंह मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में विक्रमादित्य सिंह, एम.के. अजातशत्रु सिंह, आर.के. एचटीसीटी के ट्रस्टी मार्तंड सिंह, अमर महल संग्रहालय एवं पुस्तकालय की निदेशक डॉ. ज्योत्सना सिंह, चित्रांगदा राजे सिंह, रितु सिंह, आर.के. रणविजय सिंह, तथा कई प्रसिद्ध कलाकार एवं विशिष्ट अतिथि।
अपने स्वागत भाषण में विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों के प्रति उनकी उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया। आभार के संकेत के रूप में उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री को क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक प्रतिष्ठित बसोहली पेंटिंग की एक लघु कलाकृति भेंट कर सम्मानित किया।
अपने संबोधन में डॉ. करण सिंह ने जम्मू-कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में अमर महल संग्रहालय की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के उत्सव क्षेत्र की विविध परंपराओं, कला रूपों और सांप्रदायिक सद्भाव को प्रदर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करते हैं। इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उत्सव के आयोजन में एचटीसीटी के प्रयासों की सराहना की और पर्यटन को बढ़ावा देने और जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने में इस तरह के आयोजनों के महत्व को स्वीकार किया। केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने अमर महल संग्रहालय के माध्यम से जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में डॉ. करण सिंह की उल्लेखनीय भूमिका पर प्रकाश डाला जो क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और परंपराओं का प्रमाण है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी घोषणा की कि मोदी सरकार राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के तहत देश भर में एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियों को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए अमूल्य ग्रंथों और शास्त्रों की सुरक्षा की जाए। बशोली चित्रकला परंपरा की प्रशंसा करते हुए उन्होंने इस कला रूप की गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाने में अपनी रुचि व्यक्त की जिसे वर्तमान में जम्मू और कश्मीर के शाही परिवार द्वारा संरक्षित किया जा रहा है। आर.के. मार्तंड सिंह ने तीन दिवसीय तवी महोत्सव को शानदार सफलता बनाने में उनके समर्पित प्रयासों के लिए प्रायोजकों और टीम के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
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(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
