
जयपुर, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने करीब 1241 शराब की दुकानों की मंगलवार को होने जा रही नीलामी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं को छूट दी है कि वह नीलामी में शामिल हो सकते हैं। वहीं अदालत ने कहा कि केवल मात्र याचिका लंबित रहने को नीलामी में याचिकाकर्ता की अयोग्यता नहीं माना जाए। इसके अलावा याचिकाकर्ताओं की दुकानों की नीलामी को अदालत में याचिका के निर्णय के अधीन रखा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश सीता देवी व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में नई आबकारी नीति को चुनौती देते हुए कहा गया कि नए प्रावधानों के तहत दुकानों के समूह बना दिए गए हैं। जिसमें अधिकतम पांच दुकानों को रखा गया है। यदि समूह की कोई दुकान नीलाम नहीं होती है तो उसे समूह के दूसरे दुकान संचालक को देने का प्रावधान किया है। यदि वह दुकान नहीं लेता चाहता तो उसकी स्वयं की दुकान का भी नवीनीकरण नहीं किया जाता। ऐसे में यह प्रावधान गलत है। इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता भरत व्यास और अधिवक्ता कपिल व्यास ने कहा कि नई आबकारी नीति के तहत कार्रवाई की जा रही है। एक जिले में 70 फीसदी से अधिक दुकानें नीलाम होने पर शेष दुकानों को सशर्त समूह के दूसरे दुकान संचालकों को देने का प्रावधान है। अब तक 6544 दुकानों यानि करीब 84 फीसदी दुकानों का आवंटन किया जा चुका है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने 11 मार्च को होने वाली दुकानों की नीलामी पर रोक से इनकार कर दिया है।
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(Udaipur Kiran)
