
जयपुर, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट को राज्य सरकार ने आश्वस्त किया है कि कोचिंग सेंटरों को नियंत्रित करने के लिए विधानसभा में इसी सत्र में बिल पेश किया जाएगा। महाधिवक्ता के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले में सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश मामले में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि कोचिंग सेंटरों पर नियंत्रण और विद्यार्थियों को संबल व सुरक्षा देने के उद्देश्य से दी राजस्थान कोचिंग सेंटर्स कंट्रोल एंड रेगुलेशन बिल, 2025 गत दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में पास हो गया है। इस बिल को कानूनी मान्यता देने के लिए इसी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। ऐसे में मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाली जाए। इस पर अदालत ने मामले में की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है। गौरतलब है कि विद्यार्थियों को संबल और सुरक्षा देने के लिए बनाए गए इस बिल में विद्यार्थियों के लिए कई कल्याणकारी प्रावधान किए गए हैं। वहीं कोचिंग सेंटरों पर पर नियंत्रण करने के लिए कई बिंदु शामिल किए गए हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों की सहायता के लिए हेल्पलाइन भी बनाई जाएगी। दरअसल, कोचिंग सेंटरों के विद्यार्थियों की ओर से आए दिन आत्महत्या करने की घटनाओं को देखते हुए हाईकोर्ट ने साल 2016 में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए मामले की जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई शुरु की थी। पूर्व में चली सुनवाइयों के दौरान अदालत ने मंशा जताई थी कि सरकार को कोचिंग सेंटरों को नियंत्रित करने के लिए कानूनी प्रावधान होने चाहिए।
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(Udaipur Kiran)
