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उत्तराखंड के लोकायुक्त नियुक्त नहीं करने के मामले पर सुनवाई चार सप्ताह बाद

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने उत्तराखंड प्रदेश के लोकायुक्त नियुक्त नहीं करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से चीफ सेक्रेट्री ने पूर्व के आदेश के अनुपालन में शपथपत्र पेश कर कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुक्रम में लोकायुक्त की नियुक्ति करने के लिए राज्य सरकार ने कमेटी गठित कर दी है, जिसकी एक बैठक 22 फरवरी 2025 को हो चुकी है। राज्य सरकार लोकायुक्त नियुक्त करने के लिए लोकायुक्त एक्ट के प्रावधानों का पूर्ण रूप से पालन कर रही है। इस पर कोर्ट ने सरकार को अगली तिथि तक स्थिति से अवगत कराने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार गौलापार निवासी रविशंकर जोशी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की है, जबकि संस्थान के नाम पर वार्षिक 2 से 3 करोड़ रुपये खर्च हो रहा है। याचिका में कहा कि कर्नाटक व मध्य प्रदेश में लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जा रही है परंतु उत्तराखंड में तमाम घोटाले हो रहे हैं। याचिका में कहा कि वर्तमान में राज्य की सभी जांच एजेंसी सरकार के अधीन है जिसका पूरा नियंत्रण राज्य के राजनैतिक नेतृत्व के हाथों में है। वर्तमान में उत्तराखंड राज्य में कोई भी ऐसी स्वत्रंत जांच एजेंसी नहीं है, जिसके पास यह अधिकार हो कि वह बिना शासन की पूर्वानुमति एवं दबाव के किसी भी राजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मुकदमा पंजिकृत कर सके। स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के नाम पर प्रचारित किया जाने वाला विजिलेंस विभाग भी राज्य पुलिस का ही हिस्सा है जिसका सम्पूर्ण नियंत्रण पुलिस मुख्यालय, सतर्कता विभाग या मुख्यमंत्री कार्यालय के पास ही रहता है। पूर्व में कोर्ट ने लोकायुक्त नियुक्त करने के लिए सरकार को निर्देश दिए थे लेकिन अभी तक उस आदेश का अनुपालन नहीं हुआ।

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(Udaipur Kiran) / लता

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