Uttar Pradesh

क्यूएसटी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों की उन्नति में महत्वपूर्ण : डॉ. श्रीजीत

अतिथिगण

-ट्रिपल आईटी में तीन दिवसीय क्यूएसटी कार्यक्रम का हुआ समापन

प्रयागराज, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । क्वांटम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (क्यूएसटी) के अंतरराष्ट्रीय वर्ष के उपलक्ष्य में आईआईआईटी इलाहाबाद के एप्लाइड विज्ञान विभाग द्वारा संख्यात्मक एवं विश्लेषणात्मक सापेक्षता विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का झलवा परिसर में समापन हुआ। कार्यशाला के संयोजक डॉ. श्रीजीत भट्टाचार्य ने कहा कि क्वांटम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का अंतरराष्ट्रीय वर्ष क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों का उपयोग करने वाली अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों की उन्नति में एक महत्वपूर्ण अवधि की शुरुआत है।

उन्होंने कहा कि इस वैश्विक पहल का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी क्षमता को उजागर करना है। उन्होंने बताया कि कम्प्यूटिंग और संचार में क्रांति लाने से लेकर स्वास्थ्य सेवा और सामग्री विज्ञान में सफलताओं को सक्षम करने तक, क्वांटम प्रौद्योगिकियां हमारी दुनिया को नया आकार देने की प्रबल सम्भावनाएं हैं।

ट्रिपल आईटी इलाहाबाद के शोध एवं अकादमिक डीन प्रो. मनीष गोस्वामी ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यशाला के महत्व को बताया। कहा कि, देश भर से प्रतिभागियों के साथ यह आयोजन सार्थक सहयोग और विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए रहा है, जो गुरुत्वाकर्षण भौतिकी में अंतःविषय अनुसंधान के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

हरिश्चंद्र शोध संस्थान प्रयागराज के पूर्व निदेशक प्रो. दिलीप जाटकर ने ब्लैक होल सूचना विरोधाभास नामक पेचीदा पहेली को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि क्यूएसटी का उद्देश्य क्वांटम प्रौद्योगिकियों की शक्ति और क्षमता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास में निवेश के महत्व पर प्रकाश डालता है।

ट्रिपल आईटी के पीआरओ डॉ. पंकज मिश्र ने बताया कि प्रो. जीसी नंदी ट्रिपल आईटी ने कहा कि मुख्य लक्ष्यों में से एक क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में जनता को शिक्षित करना है, जिसका प्रमुख उद्देश्य जटिल अवधारणाओं को सरल बनाना है। चेन्नई गणितीय संस्थान के डॉ. अमिताभ विरमानी ने कहा कि क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में सहयोग महत्वपूर्ण है। साझेदारी को बढ़ावा देने और अंतःविषय अनुसंधान को प्रोत्साहित कर हम नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं और क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास को गति दे सकते हैं जो भविष्य को आकार देंगे।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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