Uttar Pradesh

श्री काशी विश्वनाथ धाम में महादेव एवं माता गौरा की चल रजत प्रतिमा ने किया भ्रमण

श्री काशी विश्वनाथ धाम में महादेव एवं माता गौरा की चल रजत प्रतिमा
श्री काशी विश्वनाथ धाम में महादेव एवं माता गौरा की चल रजत प्रतिमा

-शिवभक्तों ने श्रद्धा से अर्पित किए फूल, हल्दी, अबीर-गुलाल, देर शाम तक सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों ने लगाई हाजिरी

वाराणसी, 09 मार्च (Udaipur Kiran) । श्री काशी विश्वनाथ धाम में रंगभरी एकादशी उत्सव उल्लासपूर्ण माहौल में मन रही है। इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में हर दिन एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है। इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण, खासकर दूसरे दिन रविवार को श्री काशी विश्वनाथ और माता गौरा का हल्दी उत्सव रहा। जो श्रद्धा और भक्ति के प्रतीक के रूप में संपन्न हुआ। इस अवसर पर, श्री कृष्ण जन्मस्थली मथुरा से लाए गए विशेष उपहार और अबीर-गुलाल का अर्पण श्री काशी विश्वनाथ महादेव को किया गया। रंगभरी एकादशी के पूर्व संध्या पर ही सोनभद्र से आए वनवासी समाज के भक्तों ने हर्बल गुलाल, जो पारंपरिक राजकीय फूल पलाश से तैयार किया गया था, विधिपूर्वक श्री काशी विश्वनाथ महादेव को अर्पित किया।

धाम में चल रजत प्रतिमा का भ्रमण

हल्दी उत्सव के दौरान, श्री काशी विश्वनाथ महादेव और माता गौरा की चल रजत प्रतिमा फूलों से सजी पालकी में विराजमान होकर पूरे धाम में भ्रमण करती रही। शिवभक्त पूरी श्रद्धा और उमंग के साथ प्रतिमाओं पर हल्दी, पुष्प, अबीर-गुलाल अर्पित करते रहे। भक्ति भजनों और ‘हर हर महादेव’ के उद्घोष से वातावरण गुंजायमान रहा। इस त्रिदिवसीय उत्सव में श्रद्धालुओं ने श्री काशी विश्वनाथ महादेव और माता गौरा के प्रति अपनी अगाध आस्था और प्रेम दिखाई । मंदिर न्यास के सीईओ विश्व भूषण और डिप्टी कलेक्टर शम्भू शरण ने पूजा-अर्चना के बाद बाबा को हर्बल गुलाल अर्पित किया।

सांस्कृतिक संध्या में बही लय सुर की भक्ति भरी गंगा

बाबा के धाम में देर शाम को, सांस्कृतिक संध्या के दौरान कलाकारों ने सुर-ताल से श्री काशी विश्वनाथ महादेव और माता गौरा को भावांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में गायिका दिव्या दुबे ने होली गीतों से शुरुआत की, इसके बाद डॉ. अर्चना महेस्कर ने शास्त्रीय भजन प्रस्तुत किए। मधुमिता भट्टाचार्य ने शास्त्रीय भजन संध्या की, और डॉ. हरिप्रसाद पौड्याल ने बांसुरी वादन की। कार्यक्रम के अंतिम चरण में, श्री जय कोकिल पाण्डेय द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया और डॉ. प्रियम्बदा तिवारी ने भरतनाट्यम की प्रस्तुतियाँ दीं।

समारोह का विशिष्ट आकर्षण

रंगभरी एकादशी उत्सव में श्री काशी विश्वनाथ धाम ने न केवल धार्मिक उत्सवों की धारा को जीवित रखा, बल्कि काशीवासियों और श्रद्धालुओं को एकजुट करने का एक अद्भुत अवसर प्रदान किया। इस प्रकार, यह उत्सव काशी की सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण और श्रद्धा के अभिव्यक्ति का अद्भुत संगम बनकर उभरा।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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