
– वन स्टॉप सेंटर से दाे लाख से अधिक पीड़ित महिलाओं को मिली सहायता
लखनऊ, 09 मार्च (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करने की दिशा में संचालित ‘वन स्टॉप सेंटर’ पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं के लिए संबल बनकर उभरा है। वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से अब तक दो लाख से अधिक पीड़ित महिलाओं को सहायता दी जा चुकी है।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा, यौन उत्पीड़न, बाल विवाह, शोषण और लैंगिक भेदभाव से पीड़ित महिलाओं को इन केंद्रों पर न केवल चिकित्सा और कानूनी सहायता मिल रही है, बल्कि उन्हें पुनर्वास और काउंसलिंग की भी सुविधा प्रदान की जा रही है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य सरकार ने 181 महिला हेल्पलाइन के माध्यम से सात लाख से अधिक महिलाओं को मदद पहुंचाई है। इसके अलावा, प्रदेशभर में 1100 पिंक शौचालयों का निर्माण कर महिलाओं की गरिमा और सुविधा का ध्यान रखा गया है।
सरकार की मंशा के अनुरूप महिलाओं और बालिकाओं के हित में संचालित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग बेहतर रणनीति के तहत काम कर रही है। जिससे अधिक से अधिक पात्र महिलाएं लाभान्वित हो सकें। यही वजह है कि आज यूपी की महिलाएं स्वावलंबन की ओर बढ़ रही हैं।
योगी सरकार निराश्रित महिलाओं के जीवन-यापन में आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपये की पेंशन उपलब्ध करा रही है। इस योजना के तहत प्रदेश की 34.14 लाख निराश्रित महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। इसके अलावा, हिंसा से पीड़ित और असहाय महिलाओं को संबल देने के लिए संचालित आश्रय गृह उन्हें स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिए ‘मिशन शक्ति अभियान’ तथा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना प्रभावी रूप से संचालित हो रही है। घरेलू हिंसा, बाल विवाह, यौन शोषण, दहेज प्रथा और लैंगिक समानता जैसे विषयों पर घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इन प्रयासों से महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी मिल रही है और वे सशक्त होकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
(Udaipur Kiran) / दीपक
