
भोपाल, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक राजेश शर्मा और ग्रुप की 2.36 करोड़ की संपत्ति अटैच कर ली है। यह प्रापर्टी अब राजेश शर्मा और उसके सहयोगी बेच नहीं सकेंगे। शुक्रवार को आयकर विभाग ने यह जानकारी सार्वजनिक की है।
इसके पहले आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेटिंग विंग भी शर्मा की कई प्रापर्टी अटैच कर चुकी है। दोनों विंग ने प्रॉपर्टी अटैच करने की अलग-अलग कार्रवाई की हैं। ताजा मामले में आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने कस्तूरबा नगर में राजेश शर्मा की तीन मंजिला इमारत को भी अटैच कर लिया है। अकेले इसी प्रापर्टी की वैल्यू 1.80 करोड़ रुपये है।
गौरतलब है कि प्रदेश में आयकर विभाग ने 18 दिसम्बर 2024 को त्रिशूल कंस्ट्रक्शन, क्वालिटी ग्रुप, ईशान ग्रुप के संचालकों के 56 ठिकानों पर छापेमारी की थी। भोपाल के 53 और इंदौर के दो व ग्वालियर के एक ठिकाने पर की गई छापेमारी में आयकर विभाग को 10 करोड़ रुपए कैश और 25 से ज्यादा लॉकर की जानकारी मिली थी।
आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेटिंग विंग ने प्रदेश के पंजीयन कार्यालय को पत्र लिखकर प्रापर्टी अटैच किए जाने की जानकारी दी थी। अब आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने भी जांच के बाद 2 करोड़ 36 लाख रुपए कीमत की भूमि और मकान संबंधी बेनामी प्रापर्टी अटैच कर ली है। चार माह के लिए अटैच की गई इस प्रापर्टी को आयकर विभाग की परमिशन के बिना बेचा या खरीदा नहीं जा सकेगा।
राजेश शर्मा के घर आयकर छापेमारी के बाद जांच में खुलासा हुआ है कि अपने ही लोगों के माध्यम से बेनामी प्रॉपर्टी खरीदी-बेची थी। बरखेड़ा नाथू की प्रॉपर्टी के मामले में यह बात सामने आई है कि राजेश शर्मा ने दीपक तुलसानी के नाम की जो प्रॉपर्टी खरीदी उसका पेमेंट संजय मीणा के माध्यम से पहले राजेश तिवारी को कराया और फिर राजेश तिवारी के माध्यम से शर्मा की पत्नी राधिका के खाते में पैसा जमा कराकर खरीदी बताई गई। आयकर की जांच में यह स्पष्ट हो गया कि यह पूरा लेन-देन राजेश शर्मा के द्वारा ही किया गया है। इसके बाद प्रॉपर्टी को अटैच कर लिया गया।
(Udaipur Kiran) तोमर
