
भोपाल, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर की युगल पीठ ने शुक्रवार को लोक शिक्षण संचनालाय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता के खिलाफ कोर्ट आदेश की अवमानना करने के मामले में गिरफ़्तारी (10 हजार रुपये का जमानती) वारंट जारी किया है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा तथा न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने आयुक्त शिल्पा गुप्ता को गिरफ्तार कर 23 मार्च को कंप्लायंस रिपोर्ट के साथ उच्च न्यायालय में हाजिर करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने 23 अक्टूबर 2024 को आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस प्राथमिक शिक्षकों को उनकी पसंद के अनुसार लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के स्कूलों में चार सप्ताह के भीतर पोस्टिंग देने का निर्देश दिया था। यह आदेश याचिकाकर्ता हरिओम यादव सहित 50 से अधिक शिक्षकों के पक्ष में पारित किया गया था, जिन्हें ट्रायबल वेलफेयर स्कूलों में अनारक्षित वर्ग में अवैध रूप से पदस्थ किया गया था। हालांकि, चार महीने बीत जाने के बाद भी डीपीआई कमिश्नर शिल्पा गुप्ता ने इस आदेश का अनुपालन नहीं किया। अभ्यर्थियों द्वारा कई बार अनुरोध किए जाने के बावजूद उन्हें डीपीआई कार्यालय से दुत्कार कर भगा दिया गया। इस रवैये से नाराज होकर शिक्षकों ने उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर कर दी।
उच्च न्यायालय ने गत 10 फरवरी को हरिओम यादव बनाम शिल्पा गुप्ता मामले में नोटिस जारी कर 3 मार्च 2025 तक जवाब दाखिल करने को कहा था, लेकिन शिल्पा गुप्ता ने न तो कोई जवाब दिया और न ही महाधिवक्ता कार्यालय को इस मामले में अधिकृत किया। शुक्रवार को उच्च न्यायालय की युगलपीठ में याचिका की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता हरिओम यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं शिवांशु कोल ने कोर्ट को बताया कि शिल्पा गुप्ता के खिलाफ हाईकोर्ट में दो सौ से अधिक अवमानना याचिकाएं लंबित हैं, लेकिन वह किसी भी मामले में कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रही हैं। कोर्ट ने जब शासकीय अधिवक्ताओं से पूछा कि क्या किसी को इस मामले में सरकार से निर्देश मिले हैं, तो कोई जवाब नहीं मिला। इस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए शिल्पा गुप्ता के खिलाफ 10 हजार का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर 23 मार्च 2025 को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय की युगलपीठ अब तक दो सौ से अधिक आरक्षित वर्ग के प्राथमिक शिक्षकों को ट्रायबल स्कूलों से हटाकर उनकी पसंद के डीपीआई के स्कूलों में पदस्थ करने के आदेश दे चुकी है। इसके बावजूद डीपीआई आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने न तो आदेशों का पालन किया और न ही उच्चतम न्यायालय में इसके खिलाफ कोई अपील दायर की।
(Udaipur Kiran) तोमर
