
प्रयागराज, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर याचिका दाखिल की गई है। मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है। कोर्ट ने इस प्रकरण को जनहित याचिका के तौर पर लिस्ट करने का आदेश दिया है।
याचिका विजय प्रकाश शुक्ला ने दाखिल की है।अधिवक्ता विक्रांत पांडेय व रनविजय सिंह ने इस पर बहस की। न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने 10 मार्च को सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि ट्रामा सेंटर आईएमएस बीएचयू के प्रोफेसर डॉ. सौरभ सिंह व सर सुंदर लाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके गुप्ता ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अपने रिश्तेदारों को अत्यधिक दरों पर टेंडर देकर भ्रष्टाचार किया है। इससे संस्थान को लगभग एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
याचिका में सामानों की खरीदारी में भी घोटाला करने का आरोप लगाया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि 2020-21 में ऑडिट किया गया था। इसके बाद की ऑडिट रिपोर्ट विवि प्रशासन ने देने से इन्कार कर दिया। प्रस्तुत ऑडिट रिपोर्ट के हवाले से पीएम केयर फंड के तहत घटिया वेंटिलेटर खरीदने की बात कही गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि एक निजी फर्म से 7.98 करोड़ रुपये की दवाइयों को खरीदा गया है। अन्य कई तरह के आरोप याचिका में लगाई गए है।
इसकी जांच कराने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कुलपति व अन्य अधिकारियों को प्रत्यावेदन दिया गया लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
