

–प्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 107 दुग्ध उत्पादक पुरस्कृत
–63 दुग्ध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार से किया गया सम्मानित
–44 दुग्ध उत्पादकों को मिला नंदबाबा पुरस्कार
लखनऊ, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने वर्ष 2023-24 में प्रदेश के सर्वाधिक दुग्ध आपूर्तिकर्ता 63 दुग्ध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार और गाय के सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 44 दुग्ध उत्पादकों को नन्दबाबा पुरस्कार से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में सम्मानित किया। मंत्री ने पुरस्कृत सभी 107 दुग्ध उत्पादकों को प्रतीक चिन्ह, पुरस्कार स्वरूप धनराशि, प्रमाणपत्र देकर प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि हाइवे के आसपास विचरण करने वाले गौवंशों के गले में रेडियम पट्टी लगायी जायेगी। मंत्री ने कहा कि गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसान एवं पशुपालक समितियों के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय करके और डेयरी व्यवसाय अपनाकर अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। श्री सिंह ने दुग्ध संघों एवं अधिकारियों द्वारा अनुरोध किये जाने पर दुग्ध अनुदान दिये जाने के सम्बंध में विचार किये जाने का भी आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में गोकुल पुरस्कार के अंतर्गत लखनऊ दुग्ध संघ के लखीमपुर-खीरी जनपद निवासी एवं वेलवा मोती समिति के वरूण सिंह को 230862 ली0 दुग्ध आपूर्ति हेतु राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार और बरेली दुग्ध संघ के जनपद बदायू के कुवाडान्डा के हरविलास सिंह को 72140 ली0 दुग्ध आपूर्ति हेतु द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इन दोनों दुग्ध उत्पादकों को क्रमशः 02 लाख रुपये एवं 1.50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि तथा शेष अन्य चयनित लाभार्थियों को जनपद स्तरीय पुरस्कार के तहत 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है।
इसी प्रकार नंदबाबा पुरस्कार के तहत लखनऊ दुग्ध संघ के जनपद रायबरेली के निवासी एवं दुग्ध समिति लालूपुर खास के लाभार्थी नरेन्द्र कुमार को 14361 ली0 दुग्ध आपूर्ति हेतु राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित करते हुए पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। इनके अलावा जनपद स्तरीय पुरस्कार के तहत 21 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर श्री सिंह ने सभी विजेताओं को बधाई दी और कहा कि पुरस्कृत 107 दुग्ध उत्पादकों में से 36 महिला लाभार्थी है, जो दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी का एक सशक्त उदाहरण है।
पशुधन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निराश्रित गौवंश के कारण होने वाली आकस्मिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए आगामी 15 मार्च से हाइवे या मुख्य सड़कों के किनारे बसे गांवों के आसपास विचरण करने वाले गौवंशों के गले में रेडियम पट्टी लगाये जाने का कार्य किया जायेगा।
इस अवसर पर पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के0 रविन्द्र नायक ने कहा कि उ0प्र0 में स्वरोजगार को बढ़ाने में, दुधारू पशुओं के पालन में दुग्ध विकास विभाग अपनी महत्वूपर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है।
इस अवसर पर विशेष सचिव दुग्ध विकास विभाग राम सहाय यादव, प्रभारी पीसीडीएफ डा. मनोज तिवारी, डा. राम सागर नयनतारा सहित दुग्ध संघों के निर्वाचित अध्यक्षगण एवं दुग्ध संघों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
