
– भारत को एकता के सूत्र में बांधने का सबसे मजबूत तंतु है साहित्यः गजेंद्र सिंह शेखावत
नई दिल्ली 07 मार्च (Udaipur Kiran) । साहित्य अकादेमी के एशिया का सबसे बड़े साहित्योत्सव का केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को उद्घाटन किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत को एकता के सूत्र में बांधने वाला सबसे मजबूत तंतु साहित्य है। उन्होंने भारत के साहित्य की गतिशीलता और जीवंतता को उसकी विशेषता को बताते हुए कहा कि तकनीक के समय में अनुवाद के ज़रिए हमारा साहित्य अब वैश्विक होने लगा है। अब उस पर चर्चा प्रारंभ हो गई है। पूरी दुनिया का भारत को देखने का नज़रिया बदला है। उन्होंने भारतीय साहित्य को जीवन को सही दिशा देने वाला मानते हुए कहा कि इसकी भूमिका हर काल और परिदृश्य में प्रासंगिक रही है और आगे भी रहेगी। यह भारत की मनीषा ही है, जिसने अपनी पुरातनता को सदा नवीन बनाए रखते हुए यथार्थ से साक्षात्कार कर अनेक समस्याओं के निदान दिए हैं।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने रिबन काटकर और दीप प्रज्वलित कर साहित्य अकादेमी प्रदर्शनी 2024 का भी उद्घाटन किया। इस वार्षिक प्रदर्शनी में चित्रों तथा लेखों के विवरण से विगत वर्ष की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है।
साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने मंत्री शेखावत का स्वागत शाल, पुस्तक और पुष्प देकर किया। अपने स्वागत वक्तव्य में माधव ने अकादेमी की पिछले वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि साहित्य अकादेमी ने पिछले वर्ष 484 किताबें और 459 कार्यक्रम आयोजित किए।
साहित्योत्सव के पहले दिन आज 20 विभिन्न कार्यक्रमों में 100 से अधिक लेखकों ने सहभागिता की। इस दौरान आदिवासी कविता एवं कहानी-पाठ और पैनल चर्चा भी हुई। भारतीय साहित्य में नदियां, भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र की लोक संस्कृति, भारत की साहित्यिक कृतियों में लुप्त होता ग्रामीण समाज आदि विषयों पर भी विधिवत वक्तव्य दिए गए। अनेक सत्रों में बहुभाषी कविता और कहानी के पाठ किए गए। साहित्यप्रेमी श्रोताओं ने कहा कि सही मायनों में यह भारतीय भाषाओं का समग्र उत्सव है।
इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव अमृता प्रसाद साराभाई भी उपस्थित थीं।
साहित्योत्सव आज से यानी सात मार्च से 12 मार्च तक चलेगा। दूसरे दिन यानी शनिवार को साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2024 अर्पण समारोह, कमानी सभागार में शाम 5.00 बजे होगा। इस पुरस्कार-अर्पण समारोह के मुख्यातिथि प्रख्यात अंग्रेज़ी नाटककार महेश दत्तानी होंगे। पुरस्कार समारोह के बाद प्रख्यात बांसुरी वादक राकेश चौरसिया द्वारा बांसुरी वादन प्रस्तुत किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
