
भोपाल, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । भोपाल सेंट्रल के विचाराधीन कैदी की शुक्रवार तड़के माैत हाे गई। पेट में दर्द की शिकायत के बाद उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनाें का आराेप है कि उन्हें पुलिस और जेल प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया जाता था। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। केस की न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है।
भाई सुरेंद्र जैन ने बताया कि प्रकाश चंद्र जैन (42) बाड़ी जिला रायसेन में रहते थे और पेशे से पत्रकार थे। उन्हें हमीदिया अस्पताल में पेट की तकलीफ के बाद भर्ती कराया गया था। शुक्रवार तड़के संदिग्ध हालात में मौत हो गई। भाई सुरेंद्र का आरोप है कि बाड़ी पुलिस ने अड़ीबाजी के झूठे केस में उन्हें जेल भेजा। जिस रितिक जैन की शिकायत पर प्रकाश को अड़ीबाजी का आरोपी बनाया गया वह स्वयं थाने का लिस्टेड बदमाश है। क्योंकि भाई पत्रकारिता के माध्यम से समय-समय पर स्थानीय पुलिस के भ्रष्टाचार को उजागर करता था, इस कारण उसे फंसाया गया और जेल भेजा। स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हें रायसेन जेल से भोपाल सेंट्रल जेल ट्रांसफर किया गया। 14 फरवरी से भोपाल जेल में बंद थे। उनके लिवर में तकलीफ थी, जेल के अस्पताल में चेकअप के लिए पहुंचे तो डॉक्टर ने उन्हें अपशब्द कहे। यहां तक की उनकी बीमारी को झूठा बोला और मारा-पीटा भी गया। यह तमाम बातें भाई ने उन्हें जेल में मिलने के दौरान बताई थी।
मृतक की पत्नी चांदनी जैन का आरोप है कि जेल प्रशासन द्वारा पति को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। जेल में हर बार मुलाकात होने पर वह यह शिकायत करते थे। जेल में उनके साथ दुर्व्यवहार करने को लेकर हमने सीएम हैल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे
