

अजमेर, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । पुष्कर के अधिवक्ता पुरुषोत्तम जाखेटिया की मौत के बाद वकीलों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। सेशन कोर्ट, राजस्व बोर्ड और पुष्कर कोर्ट के सैकड़ों वकील मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए और मृतक अधिवक्ता के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग करने लगे। इसके साथ ही, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग भी उठाई गई। विरोधस्वरूप वकीलों ने अजमेर, पुष्कर और ब्यावर को शनिवार को बंद रखने का ऐलान किया है।
वकीलों का आरोप है कि पुलिस आरोपियों को पकड़ने में लापरवाही बरत रही है। बढ़ते रोष को देखते हुए अस्पताल परिसर और मोर्चरी क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। करीब दस पुलिस थानों की टीमें सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही हैं। धरने पर कांग्रेस नेताओं के पहुंचने पर वकीलों ने राजनीतिक हस्तक्षेप से इनकार करते हुए उन्हें वापस लौटा दिया। पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती सहित अन्य कांग्रेस नेताओं को भी वकीलों ने धरनास्थल से जाने के लिए कह दिया। उधर, एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह ने परिजनों और वकीलों से वार्ता कर समाधान निकालने का प्रयास किया, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
अधिवक्ता जाखेटिया पर 2 मार्च को बूढ़ा पुष्कर रोड पर करीब एक दर्जन बदमाशों ने हमला किया था। हमले के बाद से उनका इलाज अजमेर के जेएलएन अस्पताल में चल रहा था, जहां शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई। इसके बाद वकीलों में आक्रोश फैल गया और सैकड़ों वकील मोर्चरी के बाहर एकत्र होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने कहा कि जाखेटिया की हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी नहीं की गई और कई अब भी फरार हैं। सरकार को अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट जल्द लागू करना चाहिए। इसके अलावा, अधिवक्ता के घर के पास स्थित शराब की दुकान हटाने और डीजे संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग उठाई गई।
पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष चंद्रभान सिंह राठौड़ ने कहा कि वकीलों पर लगातार हमले हो रहे हैं और सरकार से लंबे समय से प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की जा रही है। उन्होंने पुष्कर में बढ़ते नशे के कारोबार पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे नशे की मंडी बताया। जिला बार एसोसिएशन इस मामले पर 21 सूत्रीय मांग पत्र तैयार कर शासन-प्रशासन को सौंपेगा। जब तक मृतक अधिवक्ता के परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी नहीं दी जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
राजस्थान राजस्व मंडल अभिभाषक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजावत ने भी अधिवक्ताओं पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की।
(Udaipur Kiran) / संतोष
