
जोधपुर, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश की महिलाओं व बालिकाओं को रोडवेज बसों में निशुल्क सफर का तोहफा दिया है। इस अवसर पर शनिवार को रोडवेज बसों में महिलाएं व बालिकाएं बिना पैसे दिए यात्रा कर सकेंगी। इस संबंध में राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं।
राजस्थान रोडवेज की सभी साधारण और द्र्रुतगामी (एक्सप्रेस) बसों में यह सुविधा मिलेगी लेकिन वातानुकूलित और वोल्वो बसों में यह सुविधा नहीं मिलेगी। इन श्रेणी की बसों में निशुल्क यात्रा का प्रावधान नहीं रखा गया है। रोडवेज बसों में महिलाएं बिना किराए का भुगतान किए राजस्थान की सीमा में फ्री यात्रा कर सकेंगी। यह सुविधा केवल राजस्थान की सीमा के भीतर यात्रा करने वाली महिलाओं को मिलेगी। यानी यदि कोई महिला जोधपुर से दिल्ली की यात्रा कर रही है, तो उसे राजस्थान की अंतिम सीमा तक यात्रा निशुल्क मिलेगी, लेकिन उसके बाद आगे का किराया देना होगा। यह सुविधा आज रात 12 बजे से आठ मार्च को रात 11.59 बजे तक जारी रहेगी।
राजकीय संग्रहालयों में भी नि:शुल्क प्रवेश
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पुरातत्व और संग्रहालय विभाग द्वारा भी अनूठी पहल करते हुए सभी राजकीय संग्रहालयों और स्मारकों में महिलाओं और बालिकाओं का प्रवेश नि:शुल्क रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जोधपुर के सरदार राजकीय संग्रहालय, उम्मेद उद्यान एवं राजकीय संग्रहालय, मंडोर में महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।
संग्रहालयों का समय सुबह 9.45 से सायं 5.15 तक रहेगा। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग जोधपुर वृत के अधीक्षक इमरान अली ने बताया कि सरदार राजकीय संग्रहालय, उम्मेद उद्यान में महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए हाथी दांत, नमक एवं सीप से बनी कलात्मक वस्तुएं, ऐतिहासिक अस्त्र-शस्त्र, लकड़ी पर लाख से बनी कलाकृतियां, मारवाड़ शैली के लघु चित्र एवं आदमकद चित्र, जैन एवं हिंदू प्रतिमाएं, धातु से निर्मित ऐतिहासिक कलाकृतियां, प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध के विमान एवं पोत के मॉडल, छायाचित्र तथा वन्यजीव ट्रॉफियां प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहेंगी। इसी प्रकार राजकीय संग्रहालय मंडोर में मारवाड़ शैली के लघु चित्र, आदमकद चित्र, घडिय़ाल एवं भैंसा (गौर) की वन्यजीव ट्रॉफियां, संगमरमर की कलात्मक मूर्तियां, मानव शरीर की आंतरिक संरचना दर्शाने वाला मॉडल, लोक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं, शिलालेख एवं अन्य ऐतिहासिक प्रतिमाएं प्रमुख रूप से दर्शनीय होंगी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यह विशेष पहल महिलाओं एवं बालिकाओं को इतिहास, कला एवं संस्कृति से जोडऩे का अनूठा अवसर प्रदान करेगी।
(Udaipur Kiran) / सतीश
