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आरईआईटी ने आईपीओ के लिए सेबी के समक्ष दाखिल किया डीआरएचपी

आईपीओ के लोगो का प्रतीकात्मक चित्र

– 6200 करोड़ रुपये के आईपीओ लाने के लिए सेबी के समक्ष डीआरएचपी दाखिल किया

मुंबई/नई दिल्ली, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । सत्व ग्रुप और ब्लैकस्टोन के संयुक्त उद्यम नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट (आरईआईटी) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए धन जुटाने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष ड्राफ्ट रे‍ड हेरिंग प्रॉस्‍पेक्‍टस (डीआरपीएच) दाखिल किया है। कंपनी की योजना इश्‍यू के जरिए 6,200 करोड़ रुपये जुटाने की है, जो भारत का सबसे बड़ा आरईआईटी आईपीओ होगा।

पूंजी बाजार नियामक सेबी के समक्ष जमा दस्‍तावेज के मुताबिक नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट के प्रायोजक ब्लैकस्टोन और सत्व डेवलपर्स ने संयुक्‍त रूप से आईपीओ लाने के लिए मसौदा पत्र दाखिल किया है। सत्व समूह और ब्लैकस्टोन के बीच एक संयुक्त उद्यम आरईआईटी ने अपने डीआरएचपी में कहा कि इसका लक्ष्य आरंभिक सार्वजनिक निर्गम से 6,200 करोड़ रुपये तक जुटाना है, जो देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट लिस्टिंग हो सकती है।

सेबी के पास जमा दस्‍तावेज के मुताबिक नेट ऑपरेटिंग इनकम (एनओआई) और ग्रॉस एसेट वैल्यू (जीएवी) के मामले में यह आरईआईटी भारत का सबसे बड़ा होगा। आरईआईटी में ब्लैकस्टोन की 55 फीसदी हिस्सेदारी होगी, जबकि शेष हिस्सेदारी सत्व की होगी। ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में लिस्टिंग के समय का खुलासा नहीं किया गया है। शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट भारत का पांचवां सूचीबद्ध आरईआईटी होगा।

ड्राफ्ट पेपर्स में साझा किए गए विवरण के मुताबिक इसका कुल लीज योग्य क्षेत्रफल 48 मिलियन वर्ग फीट होगा, जो एशिया में दूसरा सबसे बड़ा होगा। आरईआईटी की 95 फीसदी संपत्तियां शीर्ष तीन भारतीय कार्यालय बाजारों मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में केंद्रित हैं। आरईआईटी के पोर्टफोलियो का 90 फीसदी हिस्सा पट्टे पर है, जिसमें 76 फीसदी किराएदार बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। आरईआईटी में शामिल कुछ संपत्तियां मुंबई में वन बीकेसी, वन इंटरनेशनल सेंटर और वन वर्ल्ड सेंटर हैं।

कंपनी के मुताबिक यह भारत का सबसे बड़ा रियल्टी इक्विटी ट्रस्ट (आरईआईटी) होगा, जिसका नाम नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट रखा गया है। इश्‍यू की बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग मुख्य रूप से ऋण चुकाने के लिए किया जाएगा। 6,200 करोड़ रुपये के कुल निर्गम आकार में से 5,800 करोड़ रुपये का उपयोग बकाया ऋण के आंशिक या पूर्ण पुनर्भुगतान या कुछ परिसंपत्ति विशेष प्रयोजन वाहनों और निवेश संस्थाओं के ऋण के पूर्व भुगतान के लिए किया जाएगा।————————–

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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