
कोलकाता, 06 मार्च (Udaipur Kiran) । पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय निशानेबाज मनु भाकर ने अपने अनुभव और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर चर्चा की। टाटा स्टील ट्रेलब्लेजर्स 3.0 कॉन्क्लेव में रेवस्पोर्ट्ज़ के संपादक बोरिया मजूमदार के साथ बातचीत में, मनु ने अपनी यात्रा, चुनौतियों और भारतीय शूटिंग के भविष्य पर विचार साझा किए। भारतीय खिललाड़ियों के प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि ‘हम कांस्य से आगे बढ़कर वैश्विक मंच पर राष्ट्रगान सुन सकते हैं।’
प्रारंभिक जीवन और संघर्ष
मनु भाकर ने अपनी यात्रा की शुरुआत के बारे में बताया कि जब उन्होंने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता, तब वो केवल 16 वर्ष की थीं और उस समय उन्हें इसकी महत्ता का पूर्ण आभास नहीं था। उन्होंने कहा, मुझे तब इसकी गंभीरता का एहसास नहीं था, लेकिन समय के साथ समझ में आया कि हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हमें बस सही दिशा में निवेश करने की आवश्यकता है।
पेरिस ओलंपिक में सफलता और सीख
पेरिस ओलंपिक 2024 में, मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल महिला स्पर्धा और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में दो कांस्य पदक जीते। इस उपलब्धि ने उन्हें भारतीय खेल सम्मान (आईएसएच) में ‘स्पोर्ट्सवुमन ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार दिलाया। पुरस्कार स्वीकार करते हुए मनु ने कहा, यह पुरस्कार सिर्फ मेरा नहीं है, यह मेरे परिवार, कोच और उन सभी के लिए है जिन्होंने इस यात्रा में मेरा साथ दिया और मुझ पर विश्वास किया।
भविष्य की योजनाएं और भारतीय शूटिंग का भविष्य
मनु भाकर का मानना है कि भारतीय निशानेबाज विश्व स्तर पर शीर्ष पर हैं और मानसिक रूप से बेहद मजबूत हैं। उन्होंने कहा, हम स्वाभाविक रूप से इसमें अच्छे हैं। हमें बस अपना ध्यान केंद्रित रखना है और लगातार प्रयास करते रहना है। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि भारतीय महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं और यह सिर्फ सोच में बदलाव की बात है। मनु ने कहा, हम कांस्य तक ही सीमित नहीं हैं, हम उस मंच पर राष्ट्रगान सुन सकते हैं।
निजी जीवन और प्रेरणा
अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात करते हुए मनु भाकर ने साझा किया कि वह अब भी एक साधारण लड़की हैं जिन्हें आलू पराठा पसंद है, लेकिन वह अपने आहार का ध्यान रखती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लोग अब उनसे पूछते हैं कि सस्ती पिस्टल कहां मिल सकती है, जो उनकी बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
