
फिरोजाबाद, 6 मार्च (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने गुरूवार को नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतानी होगी।
थाना सिरसागंज के गांव सकतपुर निवासी करन पुत्र राजपाल 23 जून 2018 को एक किशोरी को भगाकर ले गया था। किशोरी के पिता ने करन, सुलखान सिंह तथा मुरारी लाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद करन सिंह के खिलाफ नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म करने की धाराओं व सुलखान सिंह तथा मुरारीलाल के खिलाफ अगवा करने की धाराओं के तहत न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो कोर्ट संख्या तीन राजीव सिंह की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक कमल सिंह ने की।
मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए गए।
गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने करन को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी माना।
न्यायालय ने उसे 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 20000 रुपए का अर्थदंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे 1 वर्ष की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
न्यायालय ने सुलखान, मुरारीलाल व करन को अगवा करने के आरोप से दोष मुक्त किया है।
(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़
