
जयपुर, 6 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने रोडवेज कर्मचारी की सेवा से जुडे मामले में 12 साल पुराने आदेश की पालना नहीं होने पर नाराजगी जताई। इसके साथ ही अदालती आदेश की पालना में पेश रोडवेज एमडी पुरुषोत्तम शर्मा को कोर्ट ने जेल भेजने की चेतावनी देते हुए चालानी गार्ड बुलाने को कहा। इस पर एमडी ने पालना के लिए समय मांगते हुए भोजनावकाश के बाद बकाया करीब 10.37 लाख रुपए का चेक पेश कर दिया। इस पर अदालत ने अवमानना याचिका का निस्तारण कर दिया। जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश नेमीचंद गुप्ता की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में रोडवेज एमडी पुरुषोत्तम शर्मा अदालत में हाजिर हुए। उनकी ओर से अदालत को बताया गया कि आदेश की पालना में याचिकाकर्ता को 27 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि राशि की उचित गणना कर रोडवेज को करीब 37.50 लाख रुपए का भुगतान करना था। इस पर अदालत ने रोडवेज की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने लंबे समय बाद भी आदेश की पालना नहीं की जा रही है। इसके साथ ही अदालत ने रोडवेज एमडी को जेल भेजने की चेतावनी देते हुए चालानी गार्ड बुलाने को कहा। इस पर एमडी ने पालना के लिए समय मांगते हुए सुनवाई भोजनावकाश तक टालने की गुहार की। अदालत की ओर से समय देने पर एमडी ने लंच ब्रेक के बाद शेष राशि का चेक अदालत में पेश किया। याचिकाकर्ता के वकील विकास काबरा ने बताया कि याचिकाकर्ता रोडवेज में असिस्टेंट अकाउंट्स ऑफिसर था। उसे रोडवेज ने 2002 को अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया था। वहीं हाईकोर्ट ने 8 अगस्त, 2012 को 75 फीसदी पुराना वेतन और वरिष्ठता के साथ सेवा में निरंतर रखने के आदेश दिए। इसके खिलाफ रोडवेज सुप्रीम कोर्ट तक गई। सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई, 2024 को हाईकोर्ट के आदेश की 31 दिसंबर, 2024 तक पालना करने को कहा। इसके बावजूद भी रोडवेज ने पालना नहीं की। इस पर याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गत 19 फरवरी को आदेश जारी कर रोडवेज एमडी सहित अन्य अफसरों को तलब किया था।
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(Udaipur Kiran)
