
नई दिल्ली, 5 मार्च (Udaipur Kiran) । द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) द्वारा आयोजित विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन का 24वां संस्करण बुधवार को नई दिल्ली में शुरू हुआ। ‘सतत विकास और जलवायु समाधान को गति देने के लिए साझेदारी’ थीम पर आधारित सम्मेलन वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों को एक साथ लाने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है, जिससे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान को गति दी जा सके।
इस मौके पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने पर्यावरण संरक्षण और सततता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने प्रजातिवाद के मुद्दे का सामना करने की आवश्यकता दोहराई, जो नस्लवाद की तरह, अन्य प्रजातियों और पारिस्थितिकी तंत्रों की भलाई पर मानव हितों को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि सच्ची स्थिरता तभी प्राप्त की जा सकती है जब सभी प्रकार के जीवन को समान रूप से महत्वपूर्ण माना जाए और जब पर्यावरण नीतियों में वन्यजीवों और जैव विविधता की सुरक्षा और बहाली को ध्यान में रखा जाए। पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सहयोग एक विकल्प नहीं है, बल्कि यह एक आवश्यकता है। कार्रवाई करने का समय अभी है।
इस मौके पर टेरी के अध्यक्ष नितिन देसाई ने वैश्विक स्थिरता विमर्श को आकार देने में शिखर सम्मेलन की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि टेरी सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदमों की पहचान करने और साझेदारियों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान देता है।
अपने थीम संबोधन में, टेरी की महानिदेशक डॉ. विभा धवन ने जलवायु चुनौतियों के समाधान के लिए सहयोग और नवाचार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन से हर नागरिक प्रभावित होता है, हालांकि इसका असर अलग-अलग होता है, खासकर विकासशील देशों में। इसलिए, हमारा मानना है कि वैश्विक सहयोग महत्वपूर्ण होगा। महामारी के दौरान, हमने सीखा कि जब हम साथ मिलकर काम करते हैं, तो समाधान खोजना संभव हो जाता है।
इस अवसर पर ब्राजील की पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री मारिना सिल्वा ने कहा कि जैसे-जैसे हम कोप 30 की ओर बढ़ रहे हैं, हमें दुबई और बाकू में की गई प्रतिबद्धताओं के कार्यान्वयन में तेज़ी लानी चाहिए। हमें जलवायु वित्त पर कदम बढ़ाते हुए जीवाश्म ईंधन से अपने संक्रमण पर आगे बढ़ना चाहिए।
इस सम्मेलन में ‘टेराग्रीन’ पत्रिका के विशेष अंक का अनावरण किया गया, जिसमें पर्यावरणीय सततता पर नवीनतम शोध, अध्ययन और विचार नेतृत्व को शामिल किया गया है। यह सम्मेलन अगले दो दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें अनेक सत्र और प्रदर्शनी शामिल होंगी, जिनका उद्देश्य सतत विकास और जलवायु समाधानों पर संवाद और कार्रवाई को मजबूत करना है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
